मरने के बाद क्या होता है? बच्चा हो या बड़ा, इस सवाल के बारे में हर इंसान ने कभी न कभी सोचा होगा और अंदाजा लगाने की कोशिश भी की होगी। इसके जवाब की अधिकतर जानकारी लोगों को टीवी या फिल्मों से मिलती है, या फिर वैज्ञानिकों के कुछ शोध मरने के बाद की दुनिया के दावे करते हैं। पर असल जवाब वही दे सकता है जिसने मरने के बाद (What happens after death) के वक्त को अनुभव किया हो और दोबारा जिंदा होकर अपनी कहानी बताई हो। यूं तो ये असंभव सी बात लगती है पर दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्होंने इस प्रकार का अनुभव किया है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया (Australia man dead for 28 minutes) के एक व्यक्ति के काफी चर्चे हैं जिनके साथ भी ऐसा ही अनुभव हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले 57 साल के फिल (Phill Zdybel) एक मार्शल आर्ट्स ट्रेनर हैं और साथ ही टैक्सी भी चलाते हैं। पिछले साल नवंबर के महीने में उनके साथ एक हैरान करने वाली घटना घटी। हुआ यूं कि फिल अपने बेटे के साथ बास्केटबॉल खेल रहे थे जब अचानक उन्हें हार्ट अटैक (Man comes to life after death) आ गया। इस कारण से वो वहीं गिर पड़े। उनके बेटे ने तुरंत ही एंबुलेंस को फोन मिलाया और फिल को अस्पताल ले जाया गया।
कुछ दिनों बाद जब फिल की आंख अस्पताल में खुली तो उन्हें बताया गया कि जिस दिन उन्हें हार्ट अटैक आया था, उस दिन वो 28 मिनट के लिए मर गए थे। उनका दिल धड़कना बंद हो चुका था। इसके बाद फिल ने अपने पूरे अनुभव को बताया जिसे जानकर आप जरूर चौंक जाएंगे। फिल ने बताया कि उन्होंने कई बार टीवी पर सुना है कि लोगों को मरने के बाद सफेद लाइट नजर आती है, या फिर भगवान दिखाई देते हैं पर उनके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ।
बल्कि फिल ने कहा कि उन्हें ऐसा लगा जैसे वो अपनी आत्मा के रूप में शरीर से बाहर निकले और वहीं उड़ने लगे और इस दौरान वो एक नर्स को देख रहे थे जो उनकी बॉडी को फिर से जिंदा करने की कोशिश में लगी हुई थी। फिर उन्हें कुछ याद नहीं कि उनके साथ क्या हुआ। उनका कहना है कि ये किसी चमत्कार की तरह है कि उन्हें इतने लोगों के सामने हार्ट अटैक आया। अगर उन्हें मरना ही था तो मुमकिन है कि उन्हें नींद में अटैक आ जाता जहां किसी को पता ही नहीं चल पाता। उन्होंने बताया कि इस अनुभव के कुछ महीनों बाद वो फिर से मार्शल आर्ट्स करने लगे हैं, हालांकि, उन्हें पहले लगा था कि वो उसे छोड़ देंगे। इस अनुभव से उन्हें ये सीख मिली कि जिन छोटी चीजों के बारे में हम चिंता करते हैं, चिंता करने की बातें ही नहीं हैं।