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America ने मधुमक्खियों के लिए दुनिया की पहली वैक्सीन को दी मंजूरी, इस घातक रोग से होगा बचाव

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 17 2023 1:05PM | Updated Date: Jan 17 2023 1:05PM
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न्यूयॉर्क। संयुक्त राज्य अमेरिका में वाणिज्यिक मधुमक्खी पालकों को जल्द ही एक वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी। इस वैक्सीन के जरिए घातक बीमारी से मधुमक्खियों (Honeybees) से बचाया जा सकेगा। ये वैक्सीन मधुमक्खियों को 'अमेरिकन फाउल ब्रूड' बीमारी से बचाने के लिए तैयार की गई है। 'अमेरिकन फाउल ब्रूड' मधुमक्खियों में बैक्टीरिया के जरिए फैलने वाली संक्रामक बीमारी है। दवा को बायोटेक कंपनी डालन एनिमल हेल्थ (Dalan Animal Health) द्वारा बनाया गया है। वैक्सीन बैक्टीरियम पैनीबैसिलस लार्वा के कारण होने वाली बीमारी से मधुमक्खियों का बचाव करेगी। वैक्सीन की खास बात ये होगी कि इसे मधुमक्खियों के छत्ते की श्रमिक मक्खियों के खाने में मिला दिया जाएगा जो एक ओरल वैक्सीन की तरह काम करेगी। इसके बाद वैक्सीन रॉयल जेली में स्थानांतरित हो जाएगी जिसे रानी मक्खी खाती है।

इस बीमारी का रोगाणु मधुमक्खी का लार्वा है जो एक ही जगह पर रहता और पनपता है। एक बार छत्ते में संक्रमण फैल जाए तो इससे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है। इस बैक्टीरिया से निजात पाने का एक ही प्रभावी तरीका रह जाता है कि मधुमक्खियों सहित पूरे छत्ते को जला दिया जाए जिससे संक्रमण ना फैले। गौरतलब है कि, अगर छत्ते को पूरी तरह से जलाया नहीं जाता है तो ये बैक्टीरिया 70 या उससे भी ज्यादा सालों तक कायम रह सकता है। बैक्टीरिया कितना घातक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये पूरे छत्ते को तीन सप्ताह में नष्ट कर देता है। इससे मधुमक्खी पालकों को प्रभावी कदम उठाने के लिए बेहत कम समय मिलता है। इससे पहले साल 2022 में डालान की वैक्सीन का ट्रायल हुआ था। ट्रायल के दौरान वैक्सीन के शानदार नतीजे मिले थे। दवा ने ना केवल श्रमिक मक्खियों और रानी मक्खी को 'अमेरिकन फाउल ब्रूड' रोग से मरने से बचाया, बल्कि इसने रानी मक्खी के अंडाशय में काम करके अगली पीढ़ी को प्रतिरक्षा भी प्रदान की। अमेरिकी कृषि विभाग डालान की मधुमक्खी वैक्सीन को दो साल के लिए सशर्त लाइसेंस देगा।

लेकिन उम्मीद की जा रही है कि ये वैक्सीन इस समयावधि के आगे भी उपचार के काम आती रहेगी। अगले दो साल के लिए डालान सीमित मात्रा में इस वैक्सीन को बांटने का काम करेगा। इसके बाद अगर सब ठीक रहा तो संभव है कि मधुमक्खी पालनकर्ताओं को इस वैक्सीन तक सीधी पहुंच मिल सकेगी। मधुमक्खी पालक और कैलिफोर्निया मधुमक्खी पालक संघ के बोर्ड सदस्य ने कहा ट्रेवर टॉजेर का कहना है कि ये मधुमक्खी पालने वाले लोगों के लिए बेहद कारगर उपाय है। अभी मधुमक्खी पालनकर्ता एंटीबायोटिक उपचार पर निर्भर करते थे जिसकी सीमित प्रभावशीलता थी और उसमें बहुत समय और ऊर्जा भी लगती थी। टॉजेर का मानना है कि अगर मधुमक्खी पालनकर्ता अपने छत्तों में संक्रमण बचा पाएंगे तो वो महंगे उपचार से बच सकते हैं और अपनी ऊर्जा मधुमक्खियों को सेहतमंद रखने में लगा पाएंगे। गौरतलब है कि आधुनिक दुनिया में मधुमक्खियों की आबादी में वैश्विक गिरावट एक गंभीर मुद्दा है। अकेले अमेरिका में, गहन कृषि तकनीक, हानिकारक कीटनाशकों, जलवायु परिवर्तन और अन्य कारणों के कारण 1962 के बाद से मधुमक्खियों की आबादी में 90 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो एक 'वैश्विक परागणकर्ता संकट' के रूप में दिखाई दे रहा है। इससे खाद्य शृंखला पर असर हुआ है मानवजाति भी इससे अछूती नहीं रह सकी है।

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