26 Apr 2024, 17:54:41 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » World

महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना, वे मंत्री नहीं बन सकतीं: तालिबान की घटिया सोच

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 10 2021 9:54PM | Updated Date: Sep 10 2021 9:54PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

काबुल। अफगानिस्तान में अपने अधिकारों और नई सरकार में अपनी भागीदारी के लिए तालिबान से लड़ रहीं महिलाओं का प्रदर्शन तेज हो गया है। पहले तालिबान ने सरकार में महिलाओं की भागीदारी का वादा किया था। अब तालिबान ने अपनी घटिया सोच दुनिया के सामने जाहिर कर दी है। तालिबान का कहना है कि कोई महिला मंत्री नहीं बन सकती। महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना है। तालिबानी प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा- ‘एक महिला मंत्री नहीं बन सकती है। किसी महिला का मंत्री बनना ऐसा है, जैसे उसके गले में कोई चीज रख देना, जिसे वो नहीं उठा सकती है। महिलाओं के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। उनका यही काम है। महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही हैं। अफगानिस्तान में अलग-अलग जगहों पर अपने अधिकार की मांग को लेकर महिलाएं लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाएं सरकार में हिस्सेदारी की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तो कहा था कि वह अपनी सरकार में महिलाओं को भी शामिल करेगा, लेकिन तालिबान अब महिलाओं पर अत्याचार कर रहा है। तालिबान लड़ाकों के इन महिलाओं के साथ क्रूरता किये जाने की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं।
 
इस बीच अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की क्रूरता सामने आने लगी है। राजधानी काबुल के एक पुलिस स्टेशन में तालिबानियों ने दो पत्रकारों को चार घंटे तक बंधक बनाए रखा और कपड़े उतरवाकर कर बेंत, चाबुक और बिजली के तारों से उनकी बेदम पिटाई की। इन पत्रकारों का कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने काबुल में अपने अधिकारों और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं की न्यूज को कवर किया था। इधर तालिबान सरकार के आंतरिक(गृह) मंत्रालय ने अफगानिस्तान में कई दिनों से जारी प्रदर्शनों को समाप्त कराने के लिए शासनादेश जारी किया है। जिसके तहत प्रदर्शनकारियों को किसी भी तरह का प्रदर्शन करने के लिए पूर्व में अनुमति लेनी होगी। इसके अनुसार उन्हें प्रदर्शन में लगने वाले नारों और बैनरों के लिए भी पहले ही मंजूरी लेनी होगी। इस बात की संभावना बहुत कम है कि देश के कट्टरपंथी इस्लामी शासकों से अपने अधिकारों की मांग को लेकर लगभग रोजाना हो रहे प्रदर्शनों की अगुवाई कर रही महिलाओं को नये नियमों के तहत प्रदर्शन करने की इजाजत होगी।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »