नई दिल्ली. भारत की देखादेखी चीनी सेना (Chinese Army) भी ऊंची जगहों पर स्पेशल ऑपरेशंस को अंजाम देने के लिए तिब्बती सैनिकों (Tibetan Troops) को ट्रेनिंग दे रही है. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि चीनी सेना ने तिब्बती सैनिकों के लिए को सेवा में शामिल करने से पहले एक अभ्यास आयोजित किया, जिसमें मेनलैंड चीनी भाषा सीखने और उनकी प्रथाओं का पालन करने सहित कई 'वफादारी के टेस्ट' शामिल थे.
सूत्र ने बताया कि चीनी जाहिर तौर पर भारतीय विशेष सीमा बल (Indian Special Frontier Force) की तरह एक बल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें कई तिब्बती शामिल हैं जो कि पर्वतीय युद्ध में विशेषज्ञ हैं. उन्होंने अन्य भारतीय सेना इकाइयों के साथ पिछले साल अगस्त में पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट के साथ ऊंचाइयों पर कब्जा करके भारत को चीनियों पर बढ़त दिलाने के लिए तेजी से अभियान चलाया. तिब्बतियों को सेना में शामिल करने की है कोशिश
सूत्रों ने कहा, "चीनी सेना के तिब्बती सैनिकों को विशेष अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है और हाल ही में उन्होंने चीन के पीछे के क्षेत्रों में अभ्यास किया है."
चीनी तिब्बतियों को अपनी सेना में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में अधिकांश आबादी चीन की दमनकारी नीतियों के कारण चीनी विरोधी भावना रखती है और वह दलाई लामा की अनुयायी है. भारत और चीन पिछले साल अप्रैल-मई से सैन्य गतिरोध की स्थिति में हैं और हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा ऊंचाइयों सहित कई बिंदुओं पर तनाव को कम करने के लिए समाधान खोजना बाकी है.
भारतीय और चीनी पक्ष पिछले साल से एक-दूसरे से बात कर रहे हैं और सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर कई दौर की बातचीत की है, लेकिन पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी दोनों किनारों पर दोनों पक्षों द्वारा सैनिकों की सीमित पारस्परिक वापसी को छोड़कर इसका कोई अधिक समाधान नहीं निकल सका है. भारतीय एजेंसियों और बलों को इनपुट मिल रहे हैं कि चीनी विशाल तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में तिब्बती युवकों को भर्ती करने का प्रयास कर रहे हैं.