पटना। बिहार की सियासत में भी पेगासस जासूसी मामले ने गर्मी ला दी है। इस मामले को लेकर हमलावर हुई कांग्रेस के द्वारा आज राजधानी पटना में राजभवन मार्च निकाला गया। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को राजभवन जाने से पहले ही पुलिस ने उनको बेली रोड पर रोक दिया। इसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और उनकी पुलिस के साथ हल्की झड़प हो गई। काफी देर तक वहां अफरातफरी की स्थिति रही। लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन गई।
वहां राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा। इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई। दरअसल, राजभवन मार्च को लेकर कांग्रेस ने पूर्व से अपना कार्यक्रम बना रखा था। यही कारण था कि बहुत दिनों के बाद पटना की सड़कों इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता दिखे। इस दौरान सभी कार्यकर्ताओं ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया। लेकिन, प्रशासन ने इस मार्च पर रोक लगा दी।
इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस की बातों को न्ही मानकर बैरकेटिंग को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। जिसको लेकर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प और हाथापाई भी हुई। कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने राजभवन मार्च के दौरान गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग भी की। वहीं, इस मौके पर मौजूद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि राहुल गांधी की जासूसी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की और कहा कि आज पूरे देश का लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार फोन टैपिंग कर निंदनीय काम किया है।
सरकार पहले राहुल गांधी को ही अपना निशाना बनाया करती थी। लेकिन अब उनके ही दल और घटक दल के लोगों की जासूसी की जा रही है। केंद्र की मोदी सरकार यह सब विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए कर रही है। इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। झा ने गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि देश में तानाशाही नहीं चलेगी।