26 Apr 2024, 19:33:19 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Lifestyle

वक्त के साथ Relationship कमज़ोर न पड़ें, इसलिए अपने Partner को दें वक्त

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 27 2022 11:37PM | Updated Date: Dec 27 2022 11:37PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

वक्त देने का मतलब ये नहीं कि बस आप हाथों में हाथ डाले दिन-रात चिपके रहें, बल्कि जब भी ज़रूरत हो तो सामनेवाले को येभरोसा रहे कि आप उनके साथ हो। रिश्ते में अकेलापन महसूस न हो। अक्सर ऐसा होता है कि किसी के साथ रहते हुए भी हम अकेलापन महसूस करते हैं, क्योंकिरिश्तों से हम जिस सहारे की उम्मीद करते हैं वो नहीं मिलता। ऐसे में मन में यही ख़याल आता है कि ऐसे रिश्ते से तो हम अकेले हीअच्छे थे। इसलिए बेहतर होगा अपने रिश्तों में ऐसा अकेलापन और ठंडापन न आने दें।
 
साथ-साथ होकर भी दूर-दूर न हों। हो सकता है आप शारीरिक रूप से साथ हों लेकिन अगर मन कहीं और है, ख़याल कहीं और हैतो ऐसे साथ का कोई मतलब नहीं। इसलिए जब भी साथ हों पूरी तरह से साथ हों,
 
पास-पास बैठे होने पर भी एक-दूसरे के बीच खामोशी न पसरी हो। क्या आपका रिश्ता उस हालत में आ चुका है जहां आपकेबीच कहने-सुनने को कुछ बचा ही नहीं? ये ख़ामोशी दस्तक है कि आप अपने रिश्तों को अब समय दें और इस ख़ामोशी को तोड़ें।
अपनी-अपनी अलग ही दुनिया में मशगूल न हों। आप अपने-अपने कामों और दोस्तों में व्यस्त हैं लेकिन अपनों के लिए ही अपनेसमय का एक छोटा सा हिस्सा भी न हो आपके पास तो दूरियां आनी लाज़मी है। इससे बचें। अपनी दुनिया में अपनों को भीशामिल रखें और उनके लिए हमेशा आपकी दुनिया में एक ख़ास जगह होनी ही चाहिए।
अपने कामों में इतना मसरूफ न हों कि रिश्तों के लिए वक्त ही न हो।माना आज की लाइफ़ स्टाइल आपको बिज़ी रखती हैलेकिन क्या आप इतने बिज़ी हैं कि अपने रिश्तों तक के लिए समय नहीं बचता आपके पास? जी नहीं, ऐसा नहीं होता बस हमारीप्राथमिकताएं बदल गई होती हैं।  लेकिन ध्यान रखें कि अपने रिश्तों को अपनी प्राथमिकता की सूची में सबसे ऊपर की जगह दें वरना हर तरफ़ से अकेले हो जाएंगे।
अपनी डिजिटल दुनिया में अलग सी अपनी दुनिया न बसा लें। सोशल मीडिया पर आपके दोस्त होंगे, उनसे चैटिंग भी होती होगीलेकिन ध्यान रखें कि ये दुनिया एक छलावा है और हक़ीक़त से कोसों दूर। यहां धोखा खाने की गुंजाइश सबसे ज़्यादा होती है। आपको जब ज़रूरत होगी या जब आप मुसीबत में होंगे तो आपके अपने रियल लाइफ़ के रिश्ते ही आपके साथ होंगे न किडिजिटल दुनिया के रिश्ते। इसलिए एक सीमित तक ही डिजिटल दुनिया से जुड़ें।
 
रिश्तों को क्वांटिटी की बजाय क्वालिटी टाइम दें। दिन-रात साथ रहने को साथ होना नहीं कहा जा सकता बल्कि जब भी साथ होंतो पूरी तरह से साथ हों। एक-दूसरे को स्पेशल फ़ील कराएं। कुछ स्पेशल करें। यूं ही बैठकर कभी पुरानी बातें याद करें, कभीएक-दूसरे को रोमांटिक गाना गाकर सुनाएं या कभी कोई अपनी सीक्रेट फैंटसीज़ के बारे में बताएं। साथी की फ़िक्र हो, ज़िम्मेदारीका एहसास हो, दूर रहने पर भी कनेक्शन फ़ील हो, हाल-चाल जानों- यही मतलब है क्वालिटी का।
 
दूर होकर भी पास होने का एहसास जगाएं। ऑफ़िस में हों या टूर पर रोमांस और कम्यूनिकेशन कम न हो। आप कैसे और कितनाएक-दूसरे को मिस करते हो ये बताएं। आपकी दोनों एक-दूसरे की लाइफ़ में कितना महत्व रखते हैं ये फ़ील कराएं। फ़ोन पर बात करें या मैसेज करें। माना आप काम में बिज़ी हैं पर फ़ोन करके तो हाई-हेलो कर ही सकते हैं। लंच टाइम में तो कॉलकर ही सकते हैं। फ़ोन नहीं तो मैसेज ही करें पर कनेक्टेड रहें।
रात को साथ बैठकर खाना खाएं। दिनभर तो वक्त नहीं मिलता लेकिन रात का खाना तो साथ खाया ही जा सकता है। और खानाखाते वक्त मूड हल्का रखें, पॉज़िटिव मूड के साथ पॉज़िटिव बातें करें। दिनभर की बातें बताएं, शेयर करें। सोने से पहले रोज़ दस-पंद्रह मिनट का वक्त दिनभर की बातें करने, बताने और शेयरिंग के लिए रखें।
 
केयरिंग की भावना जगाएं। प्यार और रोमांस अपनी जगह है लेकिन केयर की अपनी अलग ही जगह होती है रिश्तों में। बीमारी मेंडॉक्टर के पास खुद ले जाना, घर का काम करना, अपने हाथों से खाना खिलाना- ये तमाम छोटी-छोटी चीजें रिश्तों को मज़बूतबनाती हैं। तबीयत का हाल पूछें, कोई परेशानी हो तो उसका सबब जानें। ज़रूरी नहीं कि बीमारी में ही हाल पूछा जाए, कभी यूं ही हल्कासिर दर्द होने पर भी पूछा जा सकता है कि आराम आया या नहीं… फ़िक्रमंद होना ठीक है पर इस फ़िक्र को दर्शाना भी ज़रूरी है। काम और ज़िम्मेदारियां बांटें। रिश्तों में एक-दूसरे का बोझ हल्का करना बेहद ज़रूरी है।  वीकेंड को स्पेशल बनाएं। बाहर से खाना मंगावाएं या डिनर पर जाएं। मूवी प्लान करें या यूं ही वॉक पर जाएं। 
 
फैमिली हॉलिडेज़ प्लान करें। ये आपको ही नहीं आपके रिश्तों को भी रिफ़्रेश कर देती हैं। ज़रूरी नहीं किसी बड़ी या महंगी जगहपर ही जाया जाए। आसपास के किसी रिज़ॉर्ट या हॉलिडे होम में भी क्वालिटी वक्त बिताया जा सकता है। बात करें, परेशनियां बांटें, राय लें। सामनेवाला परेशान लग रहा है तो खुद अंदाज़ा लगाने से बेहतर है बात करें और उनकी परेशानीया मन में क्या चल रहा है ये जानें और उसे दूर करने में मदद करें।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »