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प्रकृति और संस्कृति का संरक्षक है आदिवासी समाज : हेमन्त

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 10 2020 12:06AM | Updated Date: Aug 10 2020 12:06AM
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झारखंड। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आदिवासी समाज को प्रकृति एवं संस्कृति का संरक्षक बताया और कहा कि प्रकृति और संस्कृति के बीच रहने वाला है यह समाज प्रकृति के पुजारी हैं। सोरेन ने रविवार को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड एक जनजातीय बहुल प्रदेश है। यहां की कला संस्कृति की अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि संविधान में आदिवासियों को प्रदत्त शक्तियों के बावजूद इस सफर में कहां तक पहुंचे हैं यह आज  हमारे लिए एक सवाल है और चिंतन का विषय है। चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो। आज का दिन संकल्प लेने का दिन है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस को झारखंड में राजकीय अवकाश घोषित करने का निर्णय लिया है। अब हर वर्ष विश्व आदिवासी दिवस के दिन सरकारी छुट्टी होगी। आदिवासी के नाम पर ही कई चीजें छुपी है। प्रकृति और संस्कृति के बीच रहने वाला है यह समाज प्रकृति के पुजारी हैं। यह गौरव की बात की आज प्रकृति के इतने करीब रहने वाले लोग खुशियां मना रहे है। वैश्विक महामारी के कारण आज का यह कार्यक्रम भव्य तो नहीं हो सका के लिए आने वाले वर्षों में यह दिवस व्यापक रूप से मनाया जाएगा। 

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