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तीन महीने में 1884 लोग कोरोना को मात देकर घर लौट आए

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 1 2020 1:09PM | Updated Date: Jul 1 2020 1:10PM
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रांची। राजधानी समेत पूरे झारखंड में कोरोना मरीजों की रिकवरी में तेजी आई है। यही वजह है कि झारखंड में अबतक 1884 लोग कोरोना को मात देकर घर लौट आए हैं। वहीं, सिटी में 165 कोरोना संक्रमित भी ठीक हो गए हैं, जिससे इतना तो साफ है कि अब झारखंड में कोरोना मरीज तेजी से रिकवर हो रहे हैं। इसमें डॉक्टर्स के अलावा हेल्थ वर्कर्स का भी अहम रोल है। पेशेंट्स की केयर और आईसीएमआर की गाइडलाइंस को फॉलो करने के कारण झारखंड में मरीज कम हो रहे हैं।
 
वहीं पूरे देश की बात करें तो झारखंड की रिकवरी रेट भी अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर हो गई है। रिम्स कोविड सेंटर के अलावा, सीसीएल गांधीनगर और मिलिट्री हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा सभी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स में भी कोरोना के इलाज की व्यवस्था की गई है। यहां से केवल गंभीर मरीजों को ही इलाज के लिए रिम्स में भेजा जा रहा है। चूंकि यहां पर वेंटीलेटर के अलावा आईसीयू में भी सारी सुविधाएं अवेलेबल हैं।
 
वहीं एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम को भी 24 घंटे तैनात रखा गया है ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके। झारखंड में कोरोना का पहला केस 31 मार्च को मिला था। इसके बाद से लगातार मरीज मिलने लगे। जून में तो एक बार ऐसा लगा कि स्थिति कंट्रोल से बाहर हो जाएगी। जब शुरुआती हफ्ते में ही हर दिन 100 के लगभग मरीज मिलने लगे थे। लेकिन अचानक से हर दिन मिलने वाले मरीजों की संख्या में कमी आ गई। इसके बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने थोड़ी राहत की सांस ली है।
 
फिर भी हेल्थ डिपार्टमेंट और प्रशासन रिस्क लेने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि कांटैक्ट ट्रेसिंग और ट्रैवल हिस्ट्री भी पता करने पर पूरा जोर लगा दिया है, जिससे कि झारखंड में अब कोरोना पर ब्रेक लगाई जा सके। पहले नर्स, डॉक्टर, लैब टेक्निशियन कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन सैप के एक जवान के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भले ही उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है।
 
लेकिन डेंटल कॉलेज बिल्डिंग में काम करने वाले डॉक्टर, मेडिकोज और डेंटल काउंसिल में काम करने वाले अधिकारियों की भी टेंशन बढ़ गई है। अब उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि कोई उस जवान के सीधे संपर्क में तो नहीं आया था
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