दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक वोडाफोन ने बड़ा ऐलान करते हुए 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की बात कही है। कंपनी के सीईओ मार्गेरिटा डेला वैले ने कहा कि कंपनी में भारी बदलाव की जरुरत है। कंपनी की ओर से यह ऐलान पहली तिमाही के आंकड़ों के बाद बाद किया गया है। सीईओ ने कहा कि कंपनी का परफॉर्मेंस काफी खराब रहा है। ऐसे में कंपनी में काफी बदलाव की जरुरत महसूस की जा रही है। मौजूदा समय में पूरी दुनिया में 1,04,000 कर्मचारी है। कंपनी से कर्मचारियों का प्रोसेस 3 साल में पूरा करने की योजना है।
वोडाफोन का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कंपनी की कमाई में 1।3 फीसदी यानी 14।7 बिलियन यूरो पर रह गई है। जो मूल रूप से 15-15।5 बिलियन से कम है। कंपनी ने कहा कि कमाई में गिरावट हाई एनर्जी कॉस्ट और जर्मनी में कमर्शियल अंडरपरफॉर्मेंस के कारण हुई। कंपनी ने कहा कि अगले साल इनकम में और गिरावट आने की उम्मीद है, जो 13।3 बिलियन यूरो पर आ सकती है।
वोडाफोन भारत में आइडिया के साथ मिलकर काम कर रही है। यहां भी कंपनी नुकसान में है। वैसे बिड़ला ग्रुप ने दोबारा से इस ज्वाइंट वेंचर को दोबारा से मजबूत करने का भरोसा दिया है, लेकिन कर्ज के बोझ में दबी वोडाफोन आइडिया की राह आसान नहीं है। वोडाफोन ने जो फैसला लिया है उसका असर भारत में भी देखने को मिल सकता है और यहां भी छंटनी देखने को मिल सकती है। इस पर फैसला बिड़ला ग्रुप की सहमति के बाद ही लिया जा सकता है। वोडाफोन ने बड़ी छंटनी का ऐलान किया है। वैसे कंपनी का शेयर फ्लैट दिखाई दे रहा है। यूके बेस्ड कंपनी का शेया 15 मई को 90।16 जीबीएक्स पर बंद हुआ है। जीबीएक्स एक पाउंड का सौंवा हिस्सा है। वहीं भारत में वोडाफोन आइडिया के शेयर में डेढ़ फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है और कंपनी का शेयर 7।21 रुपये पर कारोबार कर रहा है।