नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को बताया कि सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद देश में पहले से मौजूद ड्रोनों में मात्र पांच प्रतिशत ने ही पंजीकरण कराया है। पुरी ने वायुयान (संशोधन) विधेयक, 2020 पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुये बताया कि देश में तीन से चार लाख ड्रोन हैं। इनमें से 20 हजार ड्रोन मालिकों ने ही अपने ड्रोनों का पंजीकरण कराया है। सरकार ने ड्रोनों के स्वैच्छिक पंजीकरण के लिए 31 जनवरी 2020 तक का समय दिया था तथा कहा था कि इसके बाद बिना पंजीकरण के ड्रोन रखने वालों पर जुर्माना लगाया जायेगा। पुरी ने कहा कि थोड़ी सी तकनीकी जानकारी रखने वाला व्यक्ति भी ड्रोन बना सकता है।
कुछ ड्रोन इतने छोटे होते हैं कि उन्हें सूटेकस में रखकर भी लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक इसका अच्छे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होता है यह बहुत अच्छा है। दिक्कत तब आती है जब इसका गलत इस्तेमाल होता है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन पर चिप का होना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही यह तकनीक भी अनिवार्य किया गया है कि जिस मार्ग के लिए ड्रोन को उड़ान की अनुमति मिली है उससे भटकने पर उसे उसी जगह वापस लौटना होगा जहाँ से उसने उड़ान भरी थी।