दुबई। ईरान के प्रधान न्यायाधीश इब्राहीम रईसी ने शनिवार को देश के राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन कराया। कट्टरपंथी मौलाना रईसी साल 1988 में हजारों कैदियों को सामूहिक फांसी से जुड़ी हुई एक समिति का हिस्सा थे। माना जा रहा है कि 82 वर्षीय ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के संभावित उत्तराधिकारी के तौर पर उन्होंने अपना नामांकन कराया है। हालांकि ईरान के कुछ प्रमुख लोगों का कहना है कि वे इस दौड़ में ज्यादा आगे तक नहीं जा पाएंगे। साल 2017 में भी उन्होंने इस पद के लिए नामांकन किया था, लेकिन उन्हें नाकामयाबी मिली थी।
2017 में भले ही इब्राहीम रईसी हार गए हों, लेकिन इस बार उनके जीतने की संभावना ज्यादा है। खामनेई से करीबी होने और टेलिविजन के माध्यम से भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से लगातार सक्रिय रहने के दौरान उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हो चुकी है। चूंकि इब्राहीम रईसी की इमेज भी कट्टरपंथी है, ऐसे में उन्हें चुनाव में इसका भी फायदा मिलेगा। चुनाव में नामांकन करने से पहले इब्राहीम रईसी ने जनता से वादा किया है - 'वो गरीबी, भ्रष्टाचार और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।'
2019 में बने थे प्रधान न्यायाधीश60 वर्षीय रईसी के नामांकन के बाद से ही वो मीडिया के फेवरेट बने हुए हैं। उन्होंने वर्तमान राष्ट्रपति हसन रुहानी पर तंज कसते हुए कहा है कि वे देश के ताकवर ईरान के लोकप्रिय प्रशासक बनना चाहते हैं। हालांकि पिछली बार जब उन्होंने चुनाव लड़ा था तो उन्हें 1 करोड़ 16 लाख वोट मिल पाए थे। इसके बाद साल 2019 में खामनेई ने उन्हें देश का प्रधान न्यायधीश नियुक्त कर दिया था।