बिहार में कोरोना की दूसरी लहर में कई लोगों ने अपनो को खो दिया। ऐसा ही मामला आया बेगूसराय में, जहां कोरोना संक्रमित होने के बाद युवक की बहन की मौत हो गई। हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी थी। ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण जब बहन की जान गई, तो भाई ने ऐसा कदम उठाया, जिससे किसी और की जान न जाए। इस भाई ने अपने स्कूल को कोविड हॉस्पिटल के रूप में तैयार कराया है। जहां ऑक्सीजन युक्त 30 बेड की व्यवस्था की गई है।
बेगूसराय के दून स्कूल के प्रबंधक पंकज कुमार की बहन कोरोना संक्रमित हो गई थी। पंकज कुमार ने अपनी बहन को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बताया गया है कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 27 अप्रैल को पंकज की बहन की मौत हो गई। बहन की मौत के बाद पंकज काफी टूट गए। पंकज कुमार ने बताया कि जब उनकी बहन का इलाज हो रहा था, तो वहां उन्होंने कई ऐसे मरीजों को देखा जो ऑक्सीजन के अभाव में काल के गाल में समा गए।
ऑक्सीजन की कमी से और किसी की जान न जाए, इसके लिए पंकज कुमार ने बड़ा कदम उठाया। कोरोना काल में बंद हुए स्कूल को उन्होंने कोरोना हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया, जहां पर ऑक्सीजन युक्त 30 बेड की व्यवस्था की गई। स्कूल प्रबंधक ने डीएम बेगूसराय को आवेदन भी दिया है और इस मिनी अस्पताल में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति करने की मांग की है, ताकि इस अस्पताल को चालू किया जाए।
प्रबंधक ने कहा कि यहां भर्ती मरीजों का सारा खर्च वे अपने स्कूल के कोष से करेंगे। सिर्फ जिला प्रशासन मरीजों के इलाज के लिए यहां स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर की तैनाती कर दे। स्कूल में 30 बेड लगाए गए हैं और हर बेड के पास पाइपलाइन से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। स्कूल में दर्जनों की संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर रखे हैं, ताकि किसी भी मरीज की मौत ऑक्सीजन के अभाव में ना हो। वहीं दूसरी ओर सिविल सर्जन ने बताया कि अभी सदर अस्पताल और सरकारी व्यवस्था पर्याप्त हैं। वहां अलग से डॉक्टर और स्वास्थ कर्मी की तैनाती फिलहाल नहीं कर सकते हैं।