मुंबई। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और स्टैनफोर्ड बायोफिजिसिस्ट माइकेल लेविट का कहना है कि कोरोना वायरस का दुनिया में सबसे बुरा दौर शायद पहले ही खत्म हो चुका है। लॉस एंजेल्स टाइम्स से बातचीत में माइकेल ने कहा, असली स्थिति उतनी भयावह नहीं है जितनी आशंका जताई जा रही है। हर तरफ डर और चिंता के माहौल में लेविट का ये बयान काफी सुकून देने वाला है। उनका बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि उन्होंने चीन में कोरोना वायरस से उबरने को लेकर उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई है। तमाम हेल्थ एक्सपर्ट्स दावा कर रहे थे चीन को कोरोना वायरस पर काबू पाने में लंबा वक्त लग जाएगा लेकिन लेविट ने इस बारे में बिल्कुल सही आकलन लगाया।
लेविट ने फरवरी महीने में लिखा था, हर दिन कोरोना के नए मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है। इससे यह साबित होता है कि अगले सप्ताह में कोरोना वायरस से होने वाली मौत की दर घटने लगेगी। उनकी भविष्यवाणी के मुताबिक, हर दिन मौतों की संख्या में कमी आने लगी। दुनिया के अनुमान से उलट चीन जल्द ही अपने पैरों पर फिर से उठकर खड़ा हो गया। दो महीने के लॉकडाउन के बाद कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत भी खुलने वाला है।
लेविट की ये बातें दिल को तसल्ली देने वाली हैं। उन्होंने कहा कि पैनिक कंट्रोल करना सबसे अहम है। हम बिल्कुल ठीक होने जा रहे हैं। 2013 में रसायन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले लेविट तमाम वैज्ञानिकों और मेडिकल एक्सपर्ट्स की उस भविष्यवाणी को खारिज कर रहे हैं कि जिसमें कहा गया है कि दुनिया का अंत होने वाला है।
उनका कहना है कि तमाम डेटा इस बात का समर्थन नहीं करते हैं। लेविट को कोरोना वायरस से धीमी हुई आर्थिक प्रगति को लेकर सबसे ज्यादा चिंता है। दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई हैं और उत्पादन सुस्त पड़ गया है। असंगठित क्षेत्र के लोग लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।