नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस के कहर से होने वाली मौतों की संख्या 2000 से अधिक हो गई है और संक्रमितों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। दुनिया के कई देश इस वायरस के प्रकोप से जूझ रहे हैं। चीन अव्यवस्था की स्थिति में है। ऐसे में चीन का बड़ा बयान सामने आया है। दिल्ली में चीनी राजदूत ने कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध का समर्थन करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि भारत की इस दयालुता ने चीन के दिल को छू लिया है।
उन्होंने हुबेई प्रांत में रह रहे भारतीयों के संक्रमण मुक्त होने की बात कही। चीनी राजदूत ने भी कोरोना वायरस फैलने के बाद उठाए गए भारतीय कदमों का हवाला देते हुए व्यापार के सामान्यीकरण के लिए अनुरोध किया। दिल्ली में चीनी दूतावास में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चीन लगातार भारत को स्थिति के बारे में सूचित कर रहा है। बीमारी से लड़ने में एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए चीनी दूतावास में एक पोस्टर लगाया गया था। राजदूत ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण के लिए चीनी सरकार ने 80 बिलियन आरएमबी आवंटित किया है।
इस महामारी के बाद आर्थिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए सरकार के पास पर्याप्त संसाधन और नीतिगत साधन हैं। कहा जाता है कि दोनों देश संपर्क में हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने कोरोना के कारण जानमाल के नुकसान पर अफसोस जताया और चीन सरकार द्वारा वायरस से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। वेइदोंग के अनुसार, भारत ने चीन के साथ खड़े होने की तत्परता दिखाई है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में, भारतीय दोस्तों की दयालुता ने मेरे दिल को गहराई से छू लिया है। वेइदॉन्ग से पूछा गया कि क्या कोई संभावना थी कि कोरोना गलती से वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से फैल गया था तो उन्होंने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। हुबेई प्रांत के बाहर कोरोना के पुष्ट मामलों की संख्या में कमी की भी बात की गई थी।