राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद स्थित अपने कार्यालय में विपक्षी सांसदों की इमरजेंसी बैठक बुलाई। इसमें 16 पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक में चालू बजट सत्र के दौरान विपक्षी दलों के बीच रणनीति बनाने पर चर्चा हुई। संसद में खरगे के कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, भारत राष्ट्र समिति, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, सीपीआई (एम), सीपीआई, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केसी (जोस मणि), केसी (थॉमस) और आरएसपी के सांसदों ने हिस्सा लिया।
गुरुवार (2 फरवरी) को उद्योगपति अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ था, जिसके बाद दोनों सदनों को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्ष अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय या एक संयुक्त संसदीय समिति की देखरेख में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है। मांग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा कई सदस्यों ने स्थगन नोटिस दिया जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया। इसे लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा और राज्यसभा को दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हुआ।
इस बीच कांग्रेस ने 6 फरवरी को देश भर के सभी जिलों में एलआईसी और एसबीआई के कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने का फैसला किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे जनता के पैसा का घोटाला करार करार दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में मामले की रोजाना रिपोर्टिंग की मांग की है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए, हम अडानी मामले की एक संयुक्त संसदीय समिति या सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में पूरी तरह से जांच चाहते हैं। इस मामले पर जांच की दिन-प्रतिदिन की रिपोर्टिंग भी होनी चाहिए।"