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दोषसिद्धि के लिए फॉरेंसिक जांच अहम, कानून व्यवस्था में सुधार के लिए जरूरी : शाह

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 28 2023 7:58PM | Updated Date: Jan 28 2023 8:26PM
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धारवाड़। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश में कानून व्यवस्था की स्थिति को ठीक करने के लिए सजा दर बढ़ाने और फॉरेंसिक विज्ञान आधारित जांच के साथ आपराधिक न्याय प्रणाली को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। गृह मंत्री ने कहा कि देश फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में पांच वर्षों में सबसे बड़ी संख्या में फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ होंगे।
अमित शाह ने कहा कि अगर पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रहना है तो दोष सिद्धी दर (Conviction rate) को बढ़ाना होगा, इसमें NFSU वैज्ञानिक तकनीक के प्रयोग से मदद कर सकता है। गृह मंत्री शाह ने कहा कि जब तक इन्वेस्टिगेशन का आधार साइंटिफिक और फॉरेंसिक साइंस के आधार पर ना हो, कोर्ट में अपराधी को सजा नहीं दिलाई जा सकती। इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि 6 साल और इससे ज्यादा जिस भी अपराध में सजा है, उन सभी क्राइम सीन पर सबसे पहले फॉरेंसिक साइंस के ऑफिसर पहुंचे।
 
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली के बाद कर्नाटक दूसरा राज्य है, जिसने अर्बन एरिया में 6 साल से ज्यादा सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट की विजिट को अनिवार्य कर दिया है। शाह ने कहा कि जब भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है तो हमारी चुनौतियां भी बढ़ी हैं और हमें ये समझना होगा कि इन चुनौतियों के अनुरूप हमें हमारे एक्सपर्ट भी तैयार करने होंगे। अमित शाह ने कहा कि कानून और व्यवस्था के तीन हिस्से हैंः पहला- प्रैक्टिकल लॉ एंड ऑर्डर, जो पुलिस का काम है। दूसरा- क्राइम इन्वेस्टिगेशन, जिसमें फॉरेंसिक साइंस का बहुत बड़ा रोल है और तीसरा- क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को मजबूत करना। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही एविडेंस एक्ट में संशोधन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को संशोधित करके इन्हें वैज्ञानिक आधार पर सजा दिलाने की यंत्रणा के लिए और पुख्ता करेंगे, जिससे फॉरेंसिक साइंस के जितने भी ऑब्जर्वेशन है वह क्रिमिनल को सजा दिला सकें।
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