जम्मू शहर के नरवाल इलाके में शनिवार को हुए दो संदिग्ध धमाकों में कम से कम सात लोग घायल हो गए है। सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक डॉ नरिंदर भटियाली ने बताया कि विस्फोट में घायल सात लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों में से एक की सर्जरी की जा रही है, जिसके पेट में छर्रे लगे हैं। इससे पहले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने बताया था कि नरवाल के दो धमाकों में छह लोग घायल हो गए है। जम्मू का यह क्षेत्र व्यावसायिक गतिविधियों का एक केंद्र है और वाहनों की मरम्मत और रखरखाव की चाह रखने वाले लोगों की आवाजाही यहां दिन भर लगी रहती है। इस लिहाज से यह शहर का बेहद व्यस्ततम इलाके का है। इसमें टायर, स्पेयर पार्ट्स, जंक डीलर और कार के सामान की कई दुकानें हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ट्रांसपोर्ट नगर के यार्ड नंबर 7 में दो वाहनों में विस्फोट की सूचना मिली थी। हम विस्फोटों की प्रकृति की जांच कर रहे हैं। विस्फोटों के तुरंत बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और इलाके को घेर लिया। दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
गौरतलब है कि ये धमाके राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मद्देनजर और गणतंत्र दिवस समारोह से पांच दिन पहले हाई अलर्ट के बीच हुआ है। इसके पहले राजौरी जिले में 1 और 2 जनवरी को धनगर गांव में सात हिंदुओं की हत्या हुई थी। 28 दिसंबर को भारी हथियारों से लैस चार आतंकवादी नरवाल से लगभग 11 किलोमीटर दूर सिधरा में सुरक्षा बलों के साथ संयोगवश हुई मुठभेड़ में मारे गए थे। ये आतंकी पाकिस्तान से घुसपैठ कर कश्मीर जाने के लिए एक ट्रक में यात्रा कर रहे थे। जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है। 14 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू की यात्रा पर कहा कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड को अगले तीन महीनों के भीतर अभेद्य बना दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार राजौरी में एक के बाद एक हुए दो हमलों के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाना है। धांगरी हत्याकांड के बाद अमित शाह ने राजौरी और पुंछ जिलों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 18 कंपनियों को भी रवाना किया था।