नई दिल्ली । वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सोमवार को पहली बार मीडिया के सामने आए और पार्टी छोड़ने पर पहली बार बयान दिया। कांग्रेस (Congress) पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया और चापलूसों को पार्टी में पद दिया गया । एक घटना का जिक्र करते हुए गुलाम नबी आजाद कहा कि पहले मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रूर समझता था, लेकिन उन्होंने तो इंसानियत दिखाई है. उन्होंने कहा, 'कश्मीर में गुजरात की बस पर हमला हुआ था, मैं उस घटना को भूल नहीं सकता. मैं जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री था और उनसे फोन पर बात हुई थी.'
कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कौन खुद घर छोड़ना चाहता है. मुझे तो घरवालों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया. जब घरवालों को लगे कि ये आदमी नहीं चाहिए और हमें यहां पराया समझा जाए तो घर में रहने वाले का काम है कि वो यहां से छोड़कर निकल जाए. मुझे सबसे ज्यादा अफसोस इस बात का है कि पार्टी में चापलूसी करने या ट्वीट करने वालों को पद मिला है। गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'मेरा डीएनए मोदी वाला होने की बात करने वाले पहले खुद देखें. मोदी तो बहाना हैं. जी23 की चिट्ठी लिखे जाने के बाद से उनका मेरे साथ विवाद है. वे कभी नहीं चाहते थे कि कोई उन्हें लिखे और उनसे सवाल करे. कई (कांग्रेस) बैठकें हुईं, लेकिन एक भी सुझाव नहीं माना गया।
जयराम रमेश के बयान पर जवाब देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'पहले वे (जयराम रमेश) अपना DNA चेक करवाएं कि कहां के हैं और किस पार्टी से हैं. वह देखें कि उनका डीएनए किस-किस पार्टी में रहा है. बाहर के लोगों को कांग्रेस का अता-पता नहीं है. चापलूसी और ट्वीट कर, जिन्हें पद मिले अगर वे आरोप लगाएं तो हमें दुख होता है. बता दें कि जयराम रमेश ने कहा था कि आजाद का डीएनए मोडिफाइड हो गया है।