भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई है, और इसकी तीसरी लहर की आशंका जताई जाने लगी है। परेशानी की बात ये है कि इस तीसरी लहर को बेहद खतरनाक बताया जा रहा है। देश में कोविड आपातकालीन रणनीति तैयार करने वाली टीम ने केंद्र सरकार से कहा है कि अगली यानी तीसरी लहर में हर दिन 4-5 लाख नए मामले आ सकते हैं। टीम से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि एक दिन में 4-5 लाख केस का मतलब है कि प्रति 10 लाख लोगों में 300-370 केस, जिससे देश पर बहुत बोझ और तनाव बढ़ेगा। और ऐसा स्वास्थ्य व्यवस्था को तैयार करने के बावजूद भी हो सकता है।
टीम ने अस्पतालों में मेडिकल इक्विपमेंट्स बढ़ाने की भी जरूरत पर भी जोर दिया है। उनका कहना है कि तीसरी लहर के दौरान कम से कम 2 लाख बेड्स की जरूरत पड़ सकती है। इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में (33,000) बेड्स की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद, महाराष्ट्र (17,865), बिहार (17,480), पश्चिम बंगाल (14,173) और मध्य प्रदेश में (12,026) बेड्स की जरूरत पड़ सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोविड के नए पैकेज के तहत करीब 20,000 नए ICU बेड तैयार किए जाएंगे। इसमें से 20 फीसदी बेड पीडियाट्रिक यानी बच्चों के लिए होंगे। हर जिले में एक पीडियाट्रिक यूनिट भी बनाई जाएगी। इस पैकेज के तहत 8800 से अधिक एंबुलेस की अलग से व्यवस्था की जाएगी।
कोविड ग्रुप ने सरकार को सलाह दी है कि ICU बेड की 5 फीसदी और नॉन ICU बेड की 4 फीसदी संख्या को चाइल्ड मेडिकल केयर के लिए रखा जाए। क्योंकि इस बात की आशंका अधिक है कि तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। सबसे बेहतर ये होगा कि तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाया जाए। इसके अलावा देश में नए कोरोना वायरस मामलों की संख्या को 50,000 से कम रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए।