भोपाल। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद मरीजों में 'ब्लैक फंगस' के संक्रमण की घटनाओं ने राज्य सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। राज्य में इस तरह के 50 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के 50 रोगियों की पुष्टि हुयी है। इस तरह का संक्रमण बहुत भयानक है। चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के संक्रमण की घटनाएं चिंता का विषय है। इसमें नाक, मुंह, दांत, आंख, मस्तिष्क और अन्य अंग भी सक्रमित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस का इलाज प्रोटोकॉल के अनुसार सुनिश्चित किया जाए। इस बीमारी के लक्षण, कारण और समुचित इलाज क्या है, इस पर विशेषज्ञ ध्यान दें और लोगों को जागरुक बनाया जाए। लोगों को यह भी बताना चाहिए कि इस दौरान क्या सावधानियां रखी जाना चाहिए। प्रारंभिक अवस्था में ही इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
चौहान ने कहा कि इसका उपचार काफी महंगा होता है। इंजेक्शन भी महंगे लगते हैं। इसलिए राज्य सरकार इससे प्रभावित मरीजों को सहयोग करेगा। जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर हैं, उनके नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रयास भी किए जाएंगे। इसके अलावा राज्य में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी चिंतन मनन चल रहा है। राज्य सरकार की प्रतिदिन की बैठक में यह मामला उठ रहा है और श्री चौहान इस संबंध में चर्चा कर रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर के संबंध में अब तक जो अनुमान लगाए जा रहे हैं, उनके अनुसार इससे बच्चे भी प्रभावित हो सकते हैं। हालाकि यह लहर कब आएगी, इसका फिलहाल सटीक अनुमान सामने नहीं आया है। लेकिन दूसरी लहर की भयावहता से छड़ककर राज्य सरकार तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से ही प्रयास शुरू कर रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में देश विदेश के विशेषज्ञों के साथ राज्य सरकार के अधिकारी बात कर रहे हैं।