नयी दिल्ली। सीजीएसटी दिल्ली दक्षिणी आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों ने जीएसटीआईएन पर फर्जी/डमी कंपनियों के लिए जारी चालान/ई-वे बिलों का फायदा उठाने और इन फर्जी चालानों पर आईजीएसटी रिफंड हासिल करने में लिप्त कंपनियों के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार इस मामले में बान गंगा इम्पेक्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जब्त किए गए दस्तावेजों, ई-वे पोर्टल/जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा/सूचनाओं की शुरुआत से सामने आया कि यह कंपनी ऐसी 48 इकाइयों से चालान लेकर उनके बीच आपूर्तिकर्ताओं का एक नेटवर्क तैयार कर रही है, जिनका अस्तित्व ही नहीं है और एक-दूसरे को आईटीसी दे रही हैं। आखिर में, सभी आपूर्तिकर्ताओं से मिला आईटीसी बान गंगा इम्पेक्स को मिल जाता है, जिसके बदले में गैर पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं से खरीदे गए सामानों के निर्यात पर रिफंड लिया जाता है। ई-वे बिल जारी करने के लिए सांठगांठ के साथ वाहन संख्याओं का उपयोग किया जाता है, जो बाद में दोपहिया, बसों, जेसीबी, निजी कारों और एम्बुलेंस आदि के पाए गए थे।
कंपनी ने फर्जी इकाइयों से 50 करोड़ रुपये के जीएसटी से संबंधित कुल 685 करोड़ रुपये के चालान हासिल किए और उन पर 35 करोड़ रुपये का रिफंड हासिल किया गया। बान गंगा इम्पेक्स के साझीदार राकेश शर्मा इस गठजोड़ और कंपनी की सभी परिचालनगत गतिविधियों के मुख्य लाभार्थी रहे। इसलिए उन्हें स्वास्थ्य जांच और कोविड परीक्षण के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।