नई दिल्ली। आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्बन गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि क्या अर्नब गोस्वामी के मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है? कोर्ट ने कहा, “हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दे से निपट रहे हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की निजी स्वतंत्रता का हनन हुआ तो वह न्याय पर आघात होगा। कोर्ट ने कहा कि हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है।
महाराष्ट्र सरकार को इन सब (टीवी पर अर्नब के तानों) को अनदेखा करना चाहिए। अर्नब मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर संवैधानिक अदालत हस्तेक्षप नहीं करती तो, ‘हम निश्चित रूप से विनाश की राह पर चल रहे हैं।’ सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि अगर राज्य सरकार किसी व्यक्ति को निशाना बनाती है तो उसे पता होना चाहिए कि नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए शीर्ष अदालत है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम लगातार ऐसे मामले देख रहे हैं जहां उच्च न्यायालय लोगों को जमानत नहीं दे रहा। साथ ही उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करने में नाकाम रहा है।