नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि मानसून सत्र का पहला दिन उत्पादकता के मामले में भी ऐतिहासिक रहा। बिरला ने कोरोना काल में संसद की कार्यवाही में उत्साह से भाग लेने के लिए सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने सोमवार के यहां कहा, ‘‘यह हमारे लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती को प्रस्तुत करता है एवं हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की अभिवृद्धि करता है।’’ बिरला ने कहा कि इस बार कोरोना महामारी के कारण सदन विपरीत परिस्थितियों में हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘माननीय सदस्यों को सामाजिक दूरी के नियमों के कारण, दर्शक दीर्घा में, राज्य सभा में बैठना पड़ा लेकिन उसके बावजूद भी 359 सदस्य सदन में उपस्थित रहे, सकारात्मक चर्चा हुई, आठ विधेयक पेश किए गए और दो विधेयक पारित किए गए।’’ उन्होंने कोरोना महामारी के कारण लिए गए निर्णयों का उल्लेख किया। सभी सदस्यों को अपनी बात रखने के पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। सदस्यों ने व्यवस्थित तरीके से अपनी बात रखी। परिस्थितियों के दृष्टिगत सदस्यों ने उपलब्ध समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया।
बिरला ने हाल ही में दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणव मुखर्जी का उल्लेख करते हुए कहा कि संसद ने उन्हें आज भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों को, उनके कार्यों को और उनके बताये मार्ग को संसद के माध्यम से देश की जनता को एक सकारात्मक दिशा देने का काम किया।
लोकसभा अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि इस सत्र में सदन के सभी सदस्यों का सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सभी दलों के नेताओं का एवं सभी माननीय मंत्रिमंडल के सदस्यों का सकारात्मक सहयोग मिलेगा। बिरला ने कहा कि सभी सांसदों की जिम्मेदारी है कि वे देश की जनता के प्रति जवाबदेह रहें तथा जनता की अपेक्षा, एवं आकांक्षाओं को सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाएं।