भिवानी। हरियाणा की कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने केंद्र सरकार के फैसले के आलोक में राज्य में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के स्वैच्छिक कोष पर दो वर्षों के लिए रोक लगाने की मांग की है। श्रीमती चौधरी ने आज यहां जारी एक बयान में ककहा कि विपदा की घड़ी में जब सभी सांसदों को दिया जाने वाला एमपी लैंड फंड दो वर्ष के लिए काटा जा सकता है तो हरियाणा के मंत्रियों को दिए जाने वाला स्वैच्छिक कोष भी बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंत्री को 7 से 10 करोड़ रूपये प्रति वर्ष के हिसाब से स्वैच्छिक कोष दिया जाता है।
जबकि देश के कई राज्यों में यह प्रथा है ही नहीं। कांग्रेस नेता ने कहा कि संकट की घड़ी में सरकार को चाहिए कि मुख्यमंत्री का खुद का और मंत्रियों का स्वेच्छा कोष दो साल के लिए काटकर इसका इस्तेमाल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर करना चाहिए ताकि करोना जैसी महामारी से निपटने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल हो सके तथा प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा सके। उन्होंने केंद्र सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी सभी विधायकों के वेतन में 30 फीसदी कि एक वर्ष के लिए या उससे अधिक कटौती करने की मांग की है ताकि इस विपदा की घड़ी में प्रदेश के जनप्रतिनिधि जनता के साथ खड़े हो सकें।