नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों में रविवार से सोमवार तक कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के 693 नये मामले सामने आए हैं जिससे कुल संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4067 हो गई है और इसके कहर से मरने वालों का आंकड़ा 100 से पार हो गया है। कल से आज तक संक्रमितों के जो 693 नये मामले सामने आये हैं उनमें 445 तबलीगी जमात से जुड़े और उनके संपर्क में आये लोगों से संबद्ध हैं। रविवार से सोमवार तक कोरोना वायरस के प्रकोप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 109 हो गयी है जिनमें कल हुई 30 मौतें भी शामिल हैं।
इसके अलावा 291 लोग कोरोना वायरस से ठीक हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अगर जेंडर आधारित संक्रमण प्रतिशत की बात करें तो 76 फीसदी मामले पुरुषों में और 24 प्रतिशत मामले महिलाओं में पाए गये हैं। आयु के अनुसार 47 प्रतिशत संक्रमण मामले 45 वर्ष से कम आयु, 34 प्रतिशत मामले 40 से 60 वर्ष और 19 प्रतिशत मामले 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पाए गए हैं।
कोरोना वायरस से अब तक हुई 109 लोगों की मौत का प्रतिशत आंकड़ा दर्शाता है कि 73 प्रतिशत मौतें पुरुषों और 27 प्रतिशत मौतें महिलाओं में हुई हैं। उन्होंने बताया कि जितनी मौतें हुई हैं उनमें 86 प्रतिशत मरीज ‘कोमोरबिडिटी ’’ की अवस्था में थे यानि इन मरीजों में मधुमेह, लंबे समय से चली आ रही गुर्दों की बीमारियां, दिल की बीमारियां भी थी। इनमें 63 प्रतिशत मौतें बजुर्गों की हुई हैं और 37 प्रतिशत मौतें 60 से वर्ष कम आयु वर्ग की है।
उन्होंने बताया कि जिन युवाओं में इस तरह की बीमारियां थी वे भी इसकी चपेट में आए हैं और इसे देखते हुए युवा वर्ग को सामाजिक दूरी तथा लॉकडाउन के नियमों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के कोरोना संक्रमण के सामुदायिक स्तर पर पहुंचने संबंधी एक साक्षात्कार का स्पष्टीकरण देते हुए अग्रवाल ने कहा,‘‘ उन्होंने जो बात कही है वह हमारे उन बयानों से भिन्न नहीं है और हम भी यही कहते आ रहे हैं कि अगर लिमिटेड मामले आते हैं तो हम ‘‘क्लस्टर कंटेनमेंट’’ यानी समूह उपचार रणनीति अपनाते हैं और अगर अधिक मामले सामने आते हैं तो हम उसके बारे में ‘एडवांस्ड’ रणनीति अपनाते हैं।
उन्होंने कहा कि गुलेरिया ने जो कहा है वह इसी बात से जुड़ा है और उनका कथन ‘लोकेलइज्ड ट्रांसमिशन’ को लेकर है कि किसी खास क्षेत्र में केस अधिक पाए जा रहे हैं और आज हम स्टेज दो से तीन के बीच हैं और इसका अर्थ है कि हमें स्टेज तीन में पहुंचने से पहले सावधानी बरतनी है। इतने बड़े देश में अगर किसी भी क्षेत्र में अधिक मामले पाए जाते हैं तो उससे निपटने की हमारी स्पष्ट रणनीति है।