नई दिल्ली। कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मद्देनजर लगाये गये लॉकडाउन के दौरान भी चिकित्सा और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय में एक ‘वॉररूम’ का बनाया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज यहाँ एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। घरेलू मोर्चे पर जहां ‘लाइफलाइन उड़ान’ प्लेटफॉर्म के जरिये आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है, वहीं चीन के साथ चिकित्सा सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया द्वारा स्थापित एयरोब्रिज के रास्ते जरूरी चिकित्सा सामग्रियों की आपूर्ति शनिवार से शुरू हो जायेगी।
इसके अलावा नागर विमानन महानिदेशालय ने आज निजी विमान सेवा कंपनियों को माल ढुलाई के लिए यात्री विमानों के इस्तेमाल की अनुमति प्रदान कर दी है। इससे भी कार्गो सेवा में तेजी आयेगी। एयर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव बंसल ने बताया कि भारत ने शंघाई और हांगकांग से दिल्ली के लिए मालवाहक विमानों के परिचालन की अनुमति मांगी थी। शंघाई से चिकित्सा सामग्री लेकर पहला कार्गो विमान चार अप्रैल को दिल्ली आयेगा। एक अन्य विमान पांच अप्रैल को शंघाई से दिल्ली आयेगा।
अगले सप्ताह भी दो मालवाहक विमानों के परिचालन की अनुमति मांगी गयी है। हांगकांग से दिल्ली के बीच मालवाहक विमानों के परिचलान के लिए भी अनुमति मिल गयी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव ऊषा पाढ़ी ने बताया कि आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय में एक वॉर रूम बनाया गया है। ‘लाइफलाइन उड़ान’ के तहत 26 मार्च से 01 अप्रैल तक 85 उड़ानों से 76 टन चिकित्सा तथा अन्य सामग्रियां विभिन्न हिस्सों में भेजी गयी हैं। इनमें एयर इंडिया और अलायंस एयर ने 62 उड़ानों का परिचालन किया है जबकि 15 उड़ानें भारतीय वायुसेना की थीं। सार्वजनिक क्षेत्र की हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाता पवन हंस तथा अन्य निजी विमान एवं हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाता भी इसमें सहयोग दे रहे हैं।