अखिल भारतीय स्वातंत्र्यवीर सावरकर साहित्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पांच हजार साल के इतिहास में अभी तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई है कि किसी हिंदू राजा ने कोई मस्जिद को तोड़ा है और तलवार के आधार पर किसी का जबरन धर्मांतरण किया है। नितिन गडकरी ने कहा इसलिए हमें वीर सावरकर को हमेशा याद रखना होगा क्योंकि अगर हम भूल जाएंगे तो जो 1947 में हुआ था वो ही दोबारा होगा। गडकरी ने कहा, 'अगर हिंदुस्तान को भविष्य में जीवित रखना चाहते हो, सावरकर को अगर भूल जाएंगे तो जो 1947 में एक बार हुआ, मुझे लगता है कि आगे भविष्य के दिन भी अच्छे नहीं जाएंगे। यह मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं।'
गडकरी ने सावरकर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक भाषण में कहा था कि जिस देश में मुस्लिम 51 प्रतिशत हैं उस देश में न लोकतंत्र है न समाजवाद और न ही धर्म निरपेक्षता है। तब तक यह चलेगा जब तक मुस्लिम बहुसंख्यक नहीं होते। भाजपा नेता ने कहा कि मुस्लिम समाज में भी प्रगतिशील और उदारवादी लोग हैं। हम मुस्लिम या मुस्लिम संस्कृति के खिलाफ नहीं हैं। जो आतंकवादी हैं, जो कहते हैं हम अच्छे हैं बाकी सब काफिर हैं, सबको हटाओ- इस प्रवृत्ति के खिलाफ हैं। गडकरी ने कहा कि हम जैसे लोगों की कमी है कि हम सही अर्थ में उनको प्रेजेंट करने में जितना सफल होने चाहिए उतना नहीं हुए। ऐसे देशभक्त को संकुचित राजनीति करने वालों ने बदनाम करने की कोशिश की।