भिवानी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में एक प्रवासी भारतीय व्यावसायी ने खुलासा किया है कि सऊदी अरब और अबू धाबी के भारत में 175 बिलियन डॉलर निवेश पर कोई तथ्यपरक सरकारी जानकारी उपलब्ध नहीं है। व्यावसायी अमित लांबा, जो रोहतक से हैं, ने आज यहां बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को 22 जनवरी को पत्र लिखकर देश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया था, जो अगली कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने आर्थिक मामलों के विभागीय सचिव को भेजा गया है और उन्हें भी इस बारे में सूचित किया गया है।
लांबा ने बताया कि अपने पत्र में उन्होंने लिखा था कि आबू धाबी के क्राऊन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहन 2017 जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह में भारत के खास मेहमान के रूप में आये थे तो उस समय मीडिया में प्रचारित किया गया था कि आबू धाबी के क्राऊन प्रिंस भारत में 75 बिलियन डालर का निवेश करेंगे। लांबा के अनुसारस इसी तरह इसके बाद फरवरी 2019 में सऊदी अरब के क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अब्दुल अजीज अल सोऊद दो दिवसीय दौरे पर भारत आए थे तो उस समय में भी मीडिया ने प्रचारित किया था कि क्राऊन प्रिंस एक सौ बिलियन डालर का भारत में निवेश करेंगे लेकिन इस 175 बिलियन डालर के निवेश पर सरकार के पास कोई तथ्यपरक जानकारी नहीं है।
पत्र में लांबा ने दावा किया है कि वह विदेशी निवेश को आकर्षित करने और उसे सफलतापूर्वक निवेश में बदलने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं क्योंकि वह प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने संयुक्त अरब अमीरात की सरकार के साथ प्रतिनिधि अनुबंध किया था। उन्होंने यह भी दावा किया है कि वह 35 कार्यदिवसों में सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। लांबा ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्होने भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए हुए अनेकों निवेशक शिखिर सेमीनारों में भी भाग लिया है और केंद्रीय मंत्रियों और कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को इस बारे अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाने बारे लिखा है पर आज तक उन्हें कोई सकारात्मक या नकारात्मक जवाब नहीं आया।