आज के समय में डायबिटीज बेहद ही आम समस्या है, हिंदुस्तान में तो शायद कोई ही घर हो जो इस बीमारी से अछूता रहा हो इसलिए तो हिंदुस्तान को डायबिटीज कैपिटल कहा जाता है, और भविष्य में इस बीमारी के बढ़ने के और ज्यादा चांस है, क्योंकि इसके बढ़ने के पीछे है हमारा अनहेल्दी लाइफस्टाइल और हमारी गलत खाने पीने की आदतें जो हमें इस बीमारी के और करीब लेती जा रही है।
डायबिटीज वो स्थिति है जब हमारे खून में शर्करा की मात्रा एक सीमित मात्रा से अत्याधिक हो जाती है, ये एक लाइफस्टाइल डिजीज है जो हमारे गलत खाने-पीने की आदतों और हमारे अनहेल्दी लाइफस्टाइल की देन है, हालांकि टाइप-1 डायबिटीज में ये बीमारी हमें आनुवंशिक तौर पर मिलती है, इस स्थिति में शरीर की भोजन को ऊर्जा में बदलने की क्षमता प्रभावित होती है। दरअसल खाने के पश्चात शरीर भोजन को ग्लूकोज में तोड़ता है और ये खून में मिलकर हमारे पूरे शरीर में फैलता है।
लेकिन जब शरीर में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है तो हमारा अग्न्याशय इंसुलिन जारी करता है जो इस ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने और अतिरिक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करने का काम करता है।लेकिन जब व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता और अतिरिक्त शर्करा को नियंत्रित नही कर पाता तो इंसान को डायबिटीज की समस्या हो जाती है।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन एटलस 2019 के अनुसार, भारत में 3 में से 1 मरीज डायबिटिक न्यूरोपैथी से पीड़ित है। डायबिटीज शरीर में इंसुलिन न बनने की वजह से होती है और इसके पीछे आनुवंशिक कारण के साथ साथ, अनहेल्दी खाना, कम शारीरिक गतिविधि, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे जैसे कारक जिम्मेदार है।
लेकिन देखा गया है कि डायबिटीज हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। क्योंकि ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि रक्त की आपूर्ति कम होने के साथ साथ हाई ग्लूकोज का स्तर हमारे नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। यदि समय के साथ शरीर में अगर बढ़ते ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित न किया जाए तो ये सीधा हमारे नर्वस सिस्टम को क्षतिग्रस्त करता है जिसके परिणामस्वरूप कई परेशानियां पैदा हो सकती है
जब हमारे शरीर की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो वे शरीर के अन्य अंगों को संकेत भेजने में विफल हो जाती हैं, और इससे शरीर सुन्न और दर्द हो सकता है। ये समस्याएं दैनिक जीवन भी बुरा असर डालती है।डायबिटीज के साथ ही शरीर में अन्य जरूरी पोषक तत्वों की कमी भी नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है। शरीर में ग्लूकोज का बढ़ा स्तर शरीर की छोटी रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त करती हैं, जिससे जरूरी पोषक तत्त्व अन्य तंत्रिकाओं तक नहीं पहुंच पाते। इससे कई बार पैरों की नसें प्रभावित हो सकती है इसलिए डायबिटीज होने पर पोषक तत्वों से भरपूर आहार ही लेना चाहिए ताकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी ना हो।
कैसे करें बचाव
– अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें। – हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। – फिजिकली एक्टिव रहें, एक्सरसाइज और योगा आसन करें। – मोटापे को नियंत्रित रखें। – शराब और धूम्रपान से दूर रहें। – संतुलित आहार लें। – और डायबिटीज को कंट्रोल में रखें।