चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने मंगलवार को लगातार छठी बार लोकसभा में काम रोको प्रस्ताव पेश किया जिसे नामंजूर कर दिया गया । किसानों के हक में आवाज बुलंद करते हुए मान ने आज दिल्ली में कहा कि देश के किसान लंबे समय से नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, इसलिए संसद में अन्य सभी कार्य रोक इन कृषि कानूनों को रद्द करने के बारे में ही चर्चा हो। मान ने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि संसद के मानसून सत्र के दौरान ट्रैक्टर चला कर मोदी सरकार को किसानों का संदेश दे दिया है लेकिन वो यह समझ लें कि एक दिन के दिखावे से कृषि कानून रद्द नहीं होंगे । जब सभी विरोधी दल किसानों के समर्थन में संसद और विधान सभाओं के अंदर और बाहर, सड़कों और अन्य स्थानों पर एकजुट आवाज बुलंद करेंगे तो ही कानून रद्द होंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को किसानों के नाम पर ढोंग नहीं करना चाहिए। सभी कांग्रेसी सांसदों को जासूसी आदि के अन्य मुद्दे छोड़ कृषि कानूनों को रद्द करवाने का मुद्दा ही उठाना चाहिए। उन्होंने छठी बार ‘काम रोको प्रस्ताव’ पेश करते हुये कहा कि देश के किसान पिछले आठ महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों को वापस करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कृषि प्रधान देश होने के नाते मेरा आग्रह है कि संसद में अन्य सभी कार्य रोक दिए जाएं और तीनों ही कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए विशेष चर्चा करायी जाये। मान ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही, बल्कि बिजली संशोधन बिल-2021 संसद में पेश करके किसानों पर एक ओर हमला करने की तैयारी कर रही है। किसानों समेत अन्य सभी वर्गों की बिजली सब्सिडी खत्म हो जाएगी।