नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को लगभग 9 वर्षों के बाद एटीएम लेनदेन से जुड़े नियमों में बदलाव की अनुमति दे दी है। बैंक में लेनदेन से लेकर ATM कार्ड से पैसों की निकासी तक के नियम बदलने वाले हैं। नियमों में होने वाले बदलाव को आपके लिए जानना जरूरी है। नियमों में बदलाव के साथ ही बैंक की कई सेवाओं पर आपको अतिरिक्त चार्ज भी चुकाना पड़ सकता है। बदले हुए नियमों को नहीं जानने से आपको काफी नुकसान हो सकता है। RBI ने कहा है कि ग्राहकों के लिए एटीएम के 5 बार फ्री में इस्तेमाल की सुविधा बनी रहेगी, लेकिन इसके बाद गैर वित्तीय लेनदेन के लिए 6 रुपये लगेंगे। वहीं वित्तीय लेनदेन यानी पैसे निकालने के लिए लगने वाला शुल्क 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया गया है। बिजनेस स्टैंडर्ड्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगभग 9 वर्षों के बाद एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क संरचना में बढ़ोतरी की अनुमति दी है। देशभर में एटीएम की तैनाती में बढ़ती लागत और बैंकों द्वारा एटीएम रखरखाव के खर्च को देखते हुए बैंकों को अब ज्यादा चार्ज लेने की अनुमति दी है।
कई साल से निजी बैंक और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स इंटरचेंज फीस को 15 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये करने की मांग कर रहे थे। जून 2019 में भारतीय बैंकों के संगठन के मुख्य कार्यकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी, इसी समिति की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला लिया गया है। गुरुवार को आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई ने 1 अगस्त, 2021 से एटीएम से वित्तीय लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन इंटरचेंज शुल्क 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया है और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया है। वहीं, बताया जा रहा है कि 1 जनवरी 2022 से बैंकों को कस्टमर चार्ज के रूप में ग्राहकों से 21 रुपये वसूलने की इजाजत दे दी गई है। फिलहाल बैंकों को इसके लिए अधिकतम 20 रुपये तक चार्ज करने की अनुमति है।