चंडीगढ़। पंजाबी अभिनेता से सामाजिक कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू, जिनका नाम गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा में सामने आया है, कथित तौर पर लापता हो गए हैं। उन्हें 26 जनवरी को किसानों की भीड़ के बीच आखिरी बार देखा गया था, जो ट्रैक्टर मार्च के नियोजित मार्ग का उल्लंघन करते हुए लालकिले तक जा पहुंची थी। सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने ही प्रदर्शनकारियों को लालकिले की प्राचीर से धार्मिक झंडा फहराने के लिए उकसाया था। सिख धर्म के प्रतीक निशान साहिब को स्थापित करने के लिए लोगों को उकसाने के आरोपों के बाद से उनका कोई पता नहीं लग पाया है।
सिद्धू को अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सनी देओल का करीबी भी बताया जा रहा है। उन्होंने लालकिले से एक फेसबुक लाइव के दौरान कहा था, "हमने केवल विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए लालकिले पर निशान साहिब झंडा फहराया है।"
उन्होंने यह भी कहा कि लालकिले से राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया गया है। एक अन्य वीडियो में सिद्धू को लालकिले से बाइक पर भागते देखा गया है। दिल्ली हिंसा में मुख्य आरोपी सिद्धू के साथ गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है। सिधाना एक अपराधी से राजनेता बने हैं और 2012 के विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले वह कई मामलों में बरी हो गए थे। उन्होंने पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, जिसका नेतृत्व मनप्रीत सिंह बादल ने किया था, जो वर्तमान में पंजाब में कांग्रेस सरकार में वित्तमंत्री हैं।
किसान नेताओं ने फिलहाल सिद्धू और सिधाना दोनों से दूरी बना ली है। हालांकि सिद्धू ने किसान यूनियन के नेताओं पर लोगों से सलाह लिए बिना फैसले लेने और खुद का बचाव करने का आरोप लगाते हुए अपने हालिया वीडियो में कहा, "मैं देख रहा हूं कि मेरे खिलाफ गलत प्रचार और नफरत फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, "हजारों लोग वहां (लाल किला) पहुंचे थे, लेकिन कोई भी किसान नेता वहां मौजूद नहीं था। किसी ने भी हिंसा नहीं की और किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए निशान साहिब और एक किसान झंडा फहराया।"