कभी आपने सोचा है कि नीली झींगा कैसी दिखती होगी? ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग के विशेषज्ञों ने बताया है कि एक नीली झींगा पकड़ने की संभावना लगभग दो मिलियन में एक होती है। लेकिन, हाल ही में एक मछुआरे ने यूके के दक्षिणी कॉर्निश तट पर इस अनोखे जीव को पकड़ लिया। क्रिस पकई नाम के मछुआरे ने 5 मई को पोलपेरो गांव के पास अपने जाल में इसे देखा था। इस असाधारण झींगे ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है, क्योंकि लोग इसके असामान्य रंग का कारण जानने के लिए उत्सुक हैं।
क्रिस पकई को इस अनोखे नीले रंग की झींगा पकड़ने के बाद से मीडिया में उनकी खूब चर्चा हो रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस झींगे के चमकीले नीले रंग का कारण उसके शरीर में एक खास प्रोटीन का बहुत ज्यादा बनना है, जो कि उसकी जेनेटिक खासियत की वजह से होता है। कनाडा के नोवा स्कोटिया में स्थित प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के जूलॉजी विभाग के क्यूरेटर एंड्रयू हेब्दा ने पहले कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कोरपोरेशन को बताया था कि ये झींगा किसी पेंटिंग की तरह दिखती है। उन्होंने आगे कहा कि ये आम झींगों जैसी नहीं दिखती, जो अक्सर समुद्र में पाई जाती हैं।
दरअसल, इस झींगे के असली रंग जीन संबंधी बदलाव (Genetic Mutation) की वजह से दब गए हैं। झींगा पकड़ने के बाद क्रिस पकई इसे जैकलीन स्पेंसर के पास ले गए। जैकलीन पोलपेरो में एक मछली बेचने वाली दुकान "किटीज लॉबस्टर, क्रैब एंड सीफूड शैक" की मालकिन हैं, जो वहां पकड़े गए समुद्री भोजन को बेचती हैं। जैकलीन ने बीबीसी को बताया कि पहले उन्होंने झींगे को वापस समुद्र में छोड़ने का फैसला किया था, लेकिन उन्हें डर था कि उसे दूसरे शिकारी खा न जाएं। इसलिए, क्रिस और जैकलीन ने झींगे को उसकी सुरक्षा के लिए पास के एक एक्वेरियम को दान करने का फैसला किया। जैकलीन ने ये भी बताया कि इस अनोखी झींगे के लिए मछुआरे को अच्छी कीमत मिली है।