पंजाब के बठिंडा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल, यहां एक भाई और उसकी भाभी ने अपने 30 साल के भाई को करीब सात साल तक जंजीरों में बांध कर रखा था। वे उसके हिस्से की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। इस बारे में जानकारी मिलने के बाद जिला व सेशन जज कमलजीत लांबा के साथ चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अशोक कुमार चौहान ने घर पर छापामारी कर उसे रिहा करवाया।
बठिंडा के जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के चेयरमैन सह जिला व सेशन जज कमलजीत लांबा को सूचना मिली थी कि हररायपुर गांव में निर्मल सिंह को उनके भाई इकबाल सिंह व उसकी भाभी द्धारा जंजीरों के साथ बांध कर रखा गया है। इसके अलावा वे माता-पिता को भी डरा धमकाते थे ताकि वे इसके खिलाफ आवाज ने उठाएं। जिसके बाद जिला व सेशन जज कमलजीत लांबा और सीजेएम अशोक कुमार चौहान नेहियांवाला थाना की पुलिस पार्टी के साथ युवक के घर पर पहुंचे।
उन्होंने देखा कि 30 साल के निर्मल सिंह को एक छोटे से कमरे में चारपाई पर जंजीर के साथ बांध कर रखा हुआ था। जिला व सेशन जज कमलजीत लांबा और सीजेएम अशोक कुमार चौहान ने इसके बाद युवक को जंजीरों से मुक्त कराया। परिजनों ने कहा कि निर्मल काफी सालों से मानसिक रूप बीमार है और वह गांव में काफी नुकसान कर देता था। युवक के भाई और भाभी ने कहा कि इस समय गेहूं का सीजन है और उनको डर था कि कहीं वह किसी के खेत में आग न लगा दे।
इस कारण ही उसको बांधकर रखा गया था। वे बीच-बीच में उसको खोल भी देते हैं। उसका इलाज फरीदकोट से कराया जा रहा है। सीजेएम अशोक कुमार चौहान ने साथ गई थाना नेहियांवाला की टीम को निर्देश दिए कि मेंटल हेल्थ एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। सीजेएम ने कहा कि युवक को अस्पताल ले जाकर मेडिकल करवाएं और उस रिपोर्ट के आने के बाद अगर वह मानसिक तौर पर बीमार पाया जाता है तो उसका इलाज कराया जाए। गांव के लोगों ने बताया कि निर्मल बास्केटबॉल का अच्छा खिलाड़ी हुआ करता था। कई सालों से वह बीमार था। गांव के क्लब के सदस्यों ने बताया कि उनके साथ किसी समय कबड्डी भी खेलता था और अच्छा खिलाड़ी था। लेकिन फिर पता नहीं उसको क्या हुआ के उसको घर में रख लिया गया और बाद में पता चला कि मानसिक तौर पर बीमार है।