लखनऊ। लखनऊ की सदर तहसील में उस समय हड़कंप गया जब विजिलेंस की टीम ने एक लेखपाल को घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।आरोप है कि लेखपाल हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में 15 हजार रुपये की घूस मांग रहा था। तभी विजिलेंस टीम ने उसे धर दबोचा।आरोपी लेखपाल को तहसील से ही कस्टडी में ले लिया गया।इस दौरान लेखपाल गिड़गिड़ा रहा था।विजिलेंस की टीम में शामिल लोग उसे घसीटते हुए ले गए।घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, विजिलेंस की टीम ने जिस लेखपाल को पकड़ा है उसका नाम अविनाश चंद्र ओझा है।आरोप है कि लेखपाल अविनाश ने हैसियत प्रमाण के नाम पर रिश्वत मांगी थी।जिसकी शिकायत पीड़ित ने विजिलेंस विभाग से की।शिकायत मिलने के बाद बीते दिन विजिलेंस टीम ने तहसील में छापा मारकर लेखपाल को रंगे हाथ पकड़ लिया।
बताया जा रहा है कि अमन त्रिपाठी नामक व्यक्ति को हैसियत प्रमाण पत्र बनवाना था।इसी के लिए उसने सदर तहसील के लेखपाल अवनीश चंद्र ओझा से संपर्क किया था।लेकिन हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने की एवज में लेखपाल अवनीश ने अमन त्रिपाठी से 15 हजार रुपए की मांग कर डाली।जिसके कारण अमन द्वारा शिकायतकर्ता बन इसकी शिकायत लखनऊ विजिलेंस की टीम से की गई।जिसपर विभाग ने एक्शन लिया।विजिलेंस टीम को लेखपाल के पास से रिश्वत के पैसे मिले हैं।
15000 रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए लेखपाल अविनाश ओझा का वीडियो वायरल हो रहा है।वीडियो में अविनाश विजिलेंस की टीम से अपने आप को छुड़ाने के लिए हाथ-पैर चलाते हुए दिख रहा है।एक जगह तो वो जमीन पर बैठ गया और कहने लगा- 'मैं नहीं जाऊंगा, मैंने नहीं लिए पैसे.' वो लगातार गिड़गिड़ा रहा था।विजिलेंस की टीम उसे उठाकर जबरन ले गई और गाड़ी में बिठाया।फिलहाल, गिरफ्तार लेखपाल अविनाश ओझा के खिलाफ उत्तर प्रदेश की विजिलेंस विंग के लखनऊ सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया है।