बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 4 मंदिरों में लगभग एक दर्जन मूर्तियों को खंडित किए जाने के बाद से गांव में भारी तनाव है। गुरुवार को इस घटना को अंजाम दिया गया था जिसके बाद हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया है। बराल गांव के मंदिरों में मूर्तियों को खंडित किए जाने के बाद पुलिस भी एक्शन मोड में आ गई है। शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बराल गांव में यूपी पुलिस के 100 जवानों को तैनात किया गया है जबकि पीएसी की भी एक यूनिट को ड्यूटी पर लगाया गया है। मूर्तियों को खंडित किए जाने की घटना के बाद से एसपी सिटी एसएन तिवारी और एडीएम प्रशासन प्रशांत कुमार ने इलाके का दौरा किया। बुलंदशहर के एसपी सिटी एसएन तिवारी ने बताया कि पुलिस की 5 टीमों को इसकी जांच में लगाया गया है।
उन्होंने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो मौजूदा एफआईआर में एनएसए (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) को भी जोड़ा जा सकता है।' वहीं गांव में नई मूर्तियों की स्थापना यूपी पुलिस के संरक्षण में करने का फैसला लिया गया है। बता दें कि बराल बुलंदशहर का हिंदू बहुल गांव है। शिवालय में न सिर्फ करीब 130 साल पुराने शिवलिंग को तोड़ा गया है बल्कि हनुमान प्रतिमा को भी खंडित किया गया है। शनि मंदिर की मूर्तियां को भी आरोपियों ने निशाना बनाया है। बाहर की छोटी मूर्ति पर भी हमला किया गया है।
वहीं गांव में निजी स्कूल के ठीक सामने बने दुर्गा मंदिर में भी मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। यहां भगवान हनुमान की प्रतिमा को तोड़ा गया है। साईं भगवान की मूर्ति को भी मंदिर में हथौड़े से खंडित किया गया है। स्थानीय देवी-देवताओं और भगवान शिव के परिसर की मूर्तियों सहित कई प्रतिमाओं को तोड़ा गया है। गांव के गोरखनाथ मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई है और कुछ मूर्तियों को खेत में फेंक दिया गया है।
बीजेपी कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि भगवान की मूर्तियों पर इंसानों की तरह हमला किया गया है। बर्बरतापूर्ण तरीके से तोड़फोड़ की गई है। उन्होंने कहा कि घटना के दौरान लोगों को इसलिए पता नहीं चला क्योंकि भ्रम की स्थिति थी। उन्होंने कहा, 'शिवालय में निर्माण गतिविधियां पिछले कुछ समय से चल रही हैं। कई बार रात में भी निर्माण कार्य किया गया जाता है शायद यही वजह है कि लोगों को उस वक्त पता नहीं चला।'
स्थानीय ग्रामीण गौतम शिवालय से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि हम रात में सो रहे थे और पता नहीं चला। मैंने रात को लगभग 10 बजे मंदिर में प्रार्थना की थी, उस समय सब कुछ ठीक था। उन्होंने कहा, 'घटना की जानकारी तब हुई जब सुबह पुजारी आए और उन्होंने हमें बताया। हमने एक के बाद एक मंदिरों की जांच की और पाया कि चार मंदिर हैं जिसमें मूर्तियों को तोड़कर फेंका गया है।'
वहीं इस मामले को लेकर शहर के एडीएम प्रशांत कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, ग्रामीणों ने हमलावरों के एजेंडे को विफल कर दिया। कुछ नौजवान ऐसे थे जो इस घटना पर भड़क गए थे, लेकिन उन्हें जल्द ही समझ आ गया कि इस तरह की हरकत का मतलब किसी और के हाथों खेलना होगा। तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और जांच की जा रही है। सभी एंगल से जांच की जा रही है। वहीं घटना को लेकर एसपी सिटी एसएन तिवारी ने कहा कि समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने सहित संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। अगर जांच के दौरान हमें लगता है कि एनएसए चार्ज जोड़ा जाना चाहिए, तो हम उसे भी जोड़ देंगे। पुलिस ने अभी अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।