नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई को होगी और ये खेल 11 अगस्त तक चलेंगे। अब भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह का मंगलवार को बड़ा बयान सामना आई है। उन्होंने बताया है कि पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए कुश्ती में कोई ट्रायल नहीं होगा। इस फैसले का मतलब है कि कोटा मिले हुए रेसलर्स को ओलंपिक में सीधी एंट्री दी जाएगी। पुराने अधिकारियों ने ट्रायल का नियम बनाया था, लेकिन अब कुछ एथलीट्स की मांग पर ट्रायल ना करवाने का फैसला किया है।
कोटा के तहत ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय पहलवानों में विनेश फोगाट (50 किग्रा), अंतिम पंघाल (53 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा), निशा दहिया (68 किग्रा) और रितिका हुड्डा (76 किग्रा) शामिल हैं। वहीं पुरुष पहलवानों में कोटा से ओलंपिक खेलों में जाने वाले एकमात्र पहलवान अमन सहरावत होंगे, जो 57 किग्रा स्पर्धा में भाग लेंगे। अमन सहरावत और निशा दहिया ने इसी साल इस्तांबुल में हुए रेसलिंग क्वालीफायर्स में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर कोटा हासिल किया था। यानी कोटा मिलने वाले 6 रेसलर्स अब बिना ट्रायल के ओलंपिक खेलेंगे।
WFI के अध्यक्ष संजय सिंह ने अपनी बयान में बिना ट्रॉयल के ओलंपिक में सीधी एंट्री का कारण बताते हुए कहा, "5 पहलवानों ने हमसे आग्रह किया था कि ट्रायल ना करवाए जाएं, क्योंकि इससे उनकी तैयारियों पर असर पड़ेगा। ऐसे में उन्हें वजन घटाना पड़ता और पूरा ध्यान ट्रायल्स पर चला जाता। चूंकि पेरिस ओलंपिक खेलों में बहुत कम समय बचा है, इसलिए चयन समिति ने ट्रायल ना करवाने का निर्णय लिया है और ओलंपिक टीम में कोटा मिले रेसलर्स जाएंगे। WFI पहले भी ऐसा ही करता आया है।"