नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम पर विवाद शुरू हो गया है। कई विपक्षी पार्टियों ने कार्यक्रम के बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। आपको बता दें कि पीएम मोदी 28 मई को नये संसद भवन का उद्घाटन दिल्ली में करेंगे। इसको लेकर सारी तैयारियां भी पूरी हो गई हैं। वहीं, इस मामले पर कई विपक्षी पार्टियों का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। ये लोकतंत्र के लिए अपमान है। वहीं, उद्घाटन समारोह से JDU और RJD ने भी दूरी बना ली है। वहीं, माना जा रहा है कि कांग्रेस भी उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार का फैसला ले सकती है, हालांकि अभी इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। आम आदमी पार्टी, टीएमसी और लेफ्ट ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वो उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे।
वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पटना पहुंचे। मामले पर तेजस्वी ने कहा कि हमारी सभी लोगों से बात हुई है। हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे। हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों से होना चाहिए। क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है। वहीं, बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस मामले में कहा कि संसद भवन का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नहीं करेंगे तो कौन करेंगे।
वहीं, इस मामले पर बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने JDU और RJD को खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि देश का स्वभिमान का विषय है नया संसद भवन तैयार हो गया है। इन लोगों को प्रधानमंत्री जी को बधाई देनी चाहिए। मगर इन्हें तो राजनीति से मतलब है। इनकी आदत ओछी राजनीति करने की है। इन्हें काम नहीं कारनामा पसन्द है। ये घोटाले वाले लोग हैं। इन्हें चारा और अलकतरा घोटाला पसन्द है।
वहीं, इस मामले पर बिहार नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि अति पिछड़ा समाज का बेटा देश का प्रधानमंत्री है। उसको यह लोग नहीं स्वीकार कर पा रहे हैं। यह लोग हमेशा गुलामी की जंजीर से जकड़े रहने वाली मानसिकता से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। विरोध के नाम पर इन लोगों का एक मात्र काम रह गया है कि सत्ता पक्ष का विरोध करना। बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता विजय सिन्हा ने पुराने संसद भवन को गुलामी का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष अभी भी गुलामी के प्रतीक से अपने आप को बाहर निकालना नहीं चाह रही है। यही कारण है कि ये संसद भवन का विरोध कर रहे हैं।