चार दिन की खींचतान के बाद आखिरकार रेवंत रेड्डी ने गुरुवार (7 दिसंबर) को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में लाखों लोगों की मौजूदगी में राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने रेवंत रेड्डी को शपथ दिलाई। इस खास मौके को लोगों ने खूब सेलिब्रेट किया।
रेवंत रेड्डी के साथ मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इनके अलावा नलमदा उत्तम कुमार रेड्डी, सी। दामोदर राजनरसिम्हा, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, एस। डुडिल्ला श्रीधर बाबू, पोंगुलेब श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, सोट। कोंडा सुरेखा, डी। अनसूया सीताक्का, तुम्मला नागेश्वर राव, कृष्णा राव और गद्दाम प्रसाद कुमार ने कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में शपथ ली है।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुडा जैसे बड़े नाम शामिल रहे। इसके अलावा कांग्रेस के कई और वरिष्ठ नेता भी इस समारोह में मौजूद थे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और सीपीआई महासचिव डी। राजा रेवंत रेड्डी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
बता दें कि चुनाव के नतीजे आने के बाद सीएम की रेस में कई नाम थे। अचानक खबर आई कि रेवंत रेड्डी प्रदेश के सीएम होंगे और सोमवार शाम वह शपथ लेंगे। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद पार्टी में कुछ नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया और शपथ ग्रहण समारोह को रद्द करना पड़ा। इसके बाद पार्टी के आलाकमान ने दिल्ली में रेवंत रेड्डी के नाम का ऐलान किया। बताया जा रहा है कि छह बार के विधायक और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एन। उत्तम कुमार रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने रेवंत रेड्डी का विरोध किया था।
बेशक रेवंत के विरोधियों ने उन्हें सीएम बनने से रोकने की तमाम कोशिश की, लेकिन वह पार्टी के टॉप लीडरों की पहली पसंद बन रहे। दरअसल, तेलंगाना में चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले और बाद में भी वही बीआरएस के खिलाफ कांग्रेस के अभियान का चेहरा बने रहे। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2023 में 119 में से 64 सीटों पर जीत दर्ज की है।