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संसद के विशेष सत्र के बीच आज शाम 6:30 बजे मोदी कैबिनेट की बैठक, चुनाव से पहले हो सकता है बड़ा ऐलान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 18 2023 3:12PM | Updated Date: Sep 18 2023 3:12PM
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नई दिल्ली। संसद का विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो गया। यह संसद के पुराने सदन की आखिरी बैठक है। इसके बाद सारे कामकाज नए भवन से होंगे। पांच दिन तक चलने वाले इस सत्र में कौन-कौन से बिल लाए जाएंगे, इस पर सबकी नजर है। सरकार ने संसद के विशेष सत्र (Special Session of Parliament) का एजेंडा स्पष्ट करने की कोशिश की है, लेकिन विपक्ष को आशंका है कि पर्दे के पीछे कुछ और भी हो सकता है। संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार सुबह 9.30 बजे सदन के दोनों सदनों के सदस्यों का ग्रुप फोटो होगा। इसके बाद सभी सदस्य संसद के नए भवन में प्रवेश करेंगे। कल से पूरा कामकाज वहीं होगा।

सत्र की शुरुआत में पीएम मोदी को संबोधन हुआ। पीएम मोदी ने सदन के इतिहास का जिक्र करते हुए इसकी उपलब्धियों का जिक्र किया। इसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने अपनी-अपनी सरकारों की उपलब्धियां गिनाईं। लोकसभा में जहां अधीर रंजन चौधरी ने अपनी बात रखी, वहीं राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे बोले।

लोकसभा में जब अधीर रंजन चौधरी बोल रहे थे, तब पास में बैठीं सोनिया गांधी भी एक-एक कर बिंदू याद दिला रही थीं। सोनिया गांधी ने खासतौर पर राजीव गांधी के कार्यकाल में हुई तकनीकी क्रांति और बाद में शिक्षा के मूल अधिकार बिल का जिक्र करने के लिए अधीर रंजन से कहा।

पीएम मोदी ने कहा कि हम एतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। सदन के इस भवन में 75 वर्ष तक कामकाज चला। देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले, उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है। ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन ये बात हम कभी नहीं भूल सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में परिश्रम, पसीना और पैसा मेरे देशवासियों के लगा था। 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन के सभी सदस्यों ने उसमें सक्रियता से योगदान दिया है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा का प्रकाश, राष्ट्र में एक नया विश्वास, नया आत्मविश्वास, नई उमंग, नए सपनें, नए संकल्प और राष्ट्र का नया सामर्थ्य उसे भर रहा है। आज चारों तरफ भारतवासियों की उपलब्धि की चर्चा गौरव के साथ हो रही है।

जब मैंने पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया, तो सहज रूप से मैंने इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर, इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन किया था। वो पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। करीब-करीब 7,500 से अधिक जनप्रतिनिधि अबतक दोनों सदनों में अपना योगदान दे चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है। सदन की शुरुआत में स्पीकर ओम बिरला ने जी-20 के सफल आयोजन के लिए पूरे सदन की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी।

संसद सत्र में हिस्सा लेने संसद भवन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह सत्र छोटा जरूरी है, लेकिन ऐतिहासिक फैसलों के लिहाज से बहुत खास है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “चंद्रयान-3 ने हमारा तिरंगा फहरा दिया है, शिव शक्ति प्वाइंट प्रेरणा का नया केंद्र बन गया है, तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है। जब ऐसी कोई उपलब्धि हासिल होती है, तो दुनिया उसे आधुनिकता, विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखती है। जब ये क्षमता दुनिया के सामने आती है तो कई अवसर और संभावनाएं भारत के दरवाजे पर दस्तक देती हैं।”

2047 में देश को विकसित बनाकर रहना है। अब जितने भी नए फैसले होने हैं, वे नए संसद भवन में होने हैं। मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि छोटा सत्र है, ज्यादा से ज्यादा समय उनका मिले, उत्साह और उमंग के वातावरण में मिले। रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए। कुछ समय ऐसे होते हैं, जो विश्वास से भर देते हैं। सत्र छोटा है, लेकिन बहुत मूल्यवान है। - पीएम मोदी

विशेष सत्र के एजेंडे की अस्थायी सूची में चार बिल शामिल हैं, लेकिन इसमें 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को शामिल नहीं किया गया है। विपक्ष का कहना है कि यह बिल भी सरकार के एजेंडे में है।

“अभी तक यह सब सिर्फ हवा में है। सरकार ने एजेंडे में और कल सर्वदलीय बैठक में सिर्फ 8 बिल सूचीबद्ध किए हैं। यह सरकार संसद को गुप्त रूप से चलाती है। मुझे उम्मीद है कि हमारे पीएम नई संसद में कम से कम एक सवाल का जवाब देंगे।” - कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर

चार महत्वपूर्ण विधेयक

अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023;

प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक, 2023;

डाकघर विधेयक, 2023

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023।

इन चार में से पहले दो को 3 अगस्त को राज्यसभा में पारित किया गया था। उन पर विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में चर्चा की जाएगी। बाकी दो पर राज्यसभा में चर्चा होगी।

इससे पहले रविवार को 10 महिला सांसदों ने हाथों से नोट लिखकर पुराने संसद भवन से जुड़ी अपनी यादें, संदेश और अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने यह नोट ऐसे समय लिखा है जब विशेष सत्र के दौरान संसद का कामकाज पुराने भवन से नए भवन में स्थानांतरित होने वाला है। शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने अपने नोट में पुराने संसद भवन के भीतर अपनी यात्रा का जिक्र किया।

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