नई दिल्ली। केंद्र ने संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। ये सर्वदलीय बैठक इसलिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि अभी तक संसद के विशेष सत्र का एजेंडा सरकार ने साफ नहीं किया है। संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।
कांग्रेस संसद के विशेष सत्र के लिए एजेंडे की सूचना नहीं होने को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि सत्र आरंभ होने में कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन शायद ‘एक व्यक्ति' को छोड़कर एजेंडे के बारे में किसी के पास जानकारी नहीं है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अतीत में हुई संसद की कुछ विशेष बैठकों का उल्लेख भी किया और कहा कि विशेष बैठकों से पहले कार्यसूची की जानकारी उपलब्ध होती थी।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि संसद के आगामी विशेष सत्र का एजेंडा मुंबई को राज्य से अलग कर उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित करना है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक के लिए बुलाए गए विशेष सत्र का एजेंडा अब तक नहीं बताया है। इस वजह से सत्र को लेकर विभिन्न कयास लगाए जा रहे हैं। संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से पुरानी इमारत में शुरू होने वाला है। संसद की कार्यवाही 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी पर नए भवन में स्थानांतरित होने की उम्मीद है।