नई दिल्ली। यूं तो G20 राष्ट्राध्यक्षों (G20 Summit 2023) के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) का डिनर शनिवार को हो चुका है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक चर्चाएं थम नहीं रही हैं। इस डिनर (G20 Gala Dinner)से विपक्ष के कुछ नेताओं का दूरी बनाना और कुछ का आना, कई राजनीतिक चर्चाओं का विषय बन गया है। खासतौर से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की मौजूदगी से कई तरह की सुगबुगाहट तेज हो गई है। वहीं, कांग्रेस के चार में से केवल एक मुख्यमंत्री का आना और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का नदारद रहना भी कई सवाल खड़े कर रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल में इस डिनर को लेकर सियासत हो रही है।
विपक्षी गठबंधन INDIA के दो सहयोगी दल एक दूसरे पर हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस डिनर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी पर सवाल उठाया है। वहीं, टीएमसी ने उन पर पलटवार किया है। उधर, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी इस डिनर में शामिल हुए थे। हालांकि, नजरें सिर्फ नीतीश कुमार पर ही हैं।
नीतीश कुमार बीजेपी के सहयोगी रहते हुए दिल्ली के कई महत्वपूर्ण बैठकों में नहीं आए। उन्होंने नीति आयोग की बैठकों और प्रधानमंत्री की बुलाई बैठकों से भी दूरी बना कर रखी थी। पिछले साल जुलाई में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की विदाई के लिए पीएम के डिनर से वे दूर रहे थे। मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह से भी नीतीश कुमार ने दूरी बना रखी थी। इस तरह उन्होंने अपने अगले कदम का इशारा दे दिया था, क्योंकि इसके अगले ही महीने अगस्त में वे बीजेपी से रिश्ता तोड़ महागठबंधन में शामिल हो गए थे। अब शनिवार को दिल्ली के 'भारत मंडपम' में G20 के राष्ट्राध्यक्षों और मेहमानों के लिए रखे गए डिनर में नीतीश कुमार को पीएम मोदी से गर्मजोशी से मिलते देखा गया।
नीतीश कुमार डिनर के लिए खासतौर पर पटना से दिल्ली आए थे। उन्होंने कुछ दिनों पहले ही एक 'देश एक चुनाव' का भी समर्थन किया था। वैसे नीतीश कुमार ने एनडीए के खिलाफ विपक्षी गठबंधन की नींव रखी है। पटना में ही विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक बुलाई गई थी। बंगलुरु में हुई विपक्षी गठबंधन की दूसरी बैठक के बाद नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरें फैलीं थीं, लेकिन नीतीश ने इन खबरों का पुरजोर ढंग से खंडन किया था। इसके बाद मुंबई की बैठक में भी नीतीश कुमार ने हिस्सा लिया।
इस बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राष्ट्रपति के डिनर में नीतीश कुमार की मौजूदगी पर सवाल उठाए हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि नीतीश दरवाजे और खिड़की दोनों खुली रखते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर दोनों में से किसी का भी इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि फिलहाल नीतीश के लिए INDIA गठबंधन 'दरवाजा' और NDA 'खिड़की' है।
उधर, इस डिनर को लेकर एक सियासत पश्चिम बंगाल में भी हो रही है। वहां ममता बनर्जी के G20 डिनर में शामिल होने के फैसले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सवाल उठाया है। उन्होंने ममता बनर्जी ने पूछा कि इस डिनर में शामिल होने से क्या उनका नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ रुख कमजोर नहीं होगा। कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि क्या टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के इस डिनर में शामिल होने के पीछे कोई और कारण था।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन के इस सवाल पर टीएमसी ने पलटवार किया है। टीएमसी ने पलटवार करते हए कहा कि ममता बनर्जी विपक्षी गुट INDIA की प्रमुख समर्थक हैं। कांग्रेस नेता को उनको सरकारी प्रोटोकॉल के बारे में सिखाने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि G20 के डिनर में कई गैर बीजेपी मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे, लेकिन ममता बनर्जी एक दिन पहले ही दिल्ली पहुंच गई थीं। इस मौके पर वह गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ एक ही जगह पर नजर आईं।
तीसरी सियासत कांग्रेस खेमे में हो रही है। इस डिनर में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखदेव सिंह सुक्खू ने हिस्सा लिया। डिनर में आने वाले सुक्खू अकेले कांग्रेसी मुख्यमंत्री हैं। डिनर में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया नहीं आए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी नहीं आए। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को डिनर के लिए इंविटेशन ही नहीं दिया गया। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति भी की थी, लेकिन सरकार का कहना था कि किसी भी राजनीतिक दल के नेता को नहीं बुलाया गया। यहां तक कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आमंत्रित नहीं थे।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब गहलोत, बघेल और सिद्धारमैया G20 समिट के डिनर में शामिल नहीं हुए, तो सिर्फ सुक्खू क्यों पहुंचे? हालांकि, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने डिनर में शामिल होने या न आने का फैसला मुख्यमंत्रियों पर छोड़ा था।
यह खबरें भी आईं कि गहलोत और बघेल ने उड़ान की अनुमति न होने के कारण दिल्ली में आयोजित इस डिनर में शामिल नहीं आने का फैसला किया। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इन दावों का खंडन किया। गृह मंत्रालय के मुताबिक, राजस्थान के सीएम ने दावा किया कि गृह मंत्रालय ने हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति नहीं दी। मंत्रालय के मुताबिक, राजस्थान सीएम की ओर से उड़ान के चार अनुरोध आए थे और सभी को मंजूरी दी गई। इसी तरह खबरों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के सीएम ने G20 डिनर में आने में असमर्थता व्यक्त की, क्योंकि दिल्ली के आसपास उड़ान पर नियंत्रण था। मंत्रालय के मुताबिक, 8-11 सितंबर तक दिल्ली में हाईटेक सिक्योरिटी कवर है, लेकिन राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को राजकीय विमान में उड़ान की अनुमति दी गई है।
इस डिनर के लिए सभी कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और सचिवों को आमंत्रित किया गया था। शनिवार के इस डिनर में करीब 300 मेहमान शामिल हुए थे। कई मुख्यमंत्रियों ने अलग-अलग कारणों से इस डिनर से दूरी बनाई। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंशेखर राव, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया इस डिनर में शामिल नहीं हुए।