उत्तर कोरिया ने अपने पहले 'टैक्टिकल न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बी' को लॉन्च किया है। इस परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बी को उत्तर कोरिया की नौसेना के उस बेड़े में शामिल किया है, जिसका काम कोरियाई प्रायद्वीप से लेकर जापान तक समुद्र पर निगरानी रखना है। पनडुब्बी को लेकर उत्तर कोरिया का कहना है कि ये एक नए अध्याय की शुरुआत है। उत्तर कोरिया ने इस पनडुब्बी को 'हीरो किम कुन ओक' नाम दिया है।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक, परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बी को बड़े धूमधाम के साथ लॉन्च किया गया। इस मौके पर किम जोंग उन भी मौजूद रहे। किम ने इस मौके पर कहा कि पनडुब्बी को परमाणु हथियारों से लैस किया गया है। ये दुश्मन देशों के खिलाफ जवाबी हमला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। किम ने आदेश दिया है कि देश की सभी मध्यम आकार वाली पनडुब्बियों में परमाणु हथियार फिट किए जाएं।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पनडुब्बी एक्सपर्ट एचआई सटन ने कहा कि उत्तर कोरिया की नई पनडुब्बी सोवियत संघ की डिजाइन की गई रोमियो-क्लास पनडुब्बी पर आधारित लगती है। उत्तर कोरिया के पास कुल मिलाकर 64 से 86 पनडुब्बियां हैं, जिसमें से 20 रोमियो-क्लास पनडुब्बी हैं। सटन ने कहा कि पनडुब्बी में 10 मिसाइल लॉन्च ट्यूब हो सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि किम जोंग के देश ने बैलिस्टिक मिसाइल पर बहुत ज्यादा निवेश किया है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि ये बैलिस्टिक मिसाइल को परमाणु बम से लैस कर हमले करने में सक्षम हो।
दक्षिण कोरिया के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पनडुब्बी के पूरी तरह से कारगर होने पर शक है। देश के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि ऐसा लगता है कि पनडुब्बियां सामान्य ऑपरेशन के काम की भी नहीं हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि उत्तर कोरिया को बढ़ा चढ़ाकर बताने की आदत भी है। अमेरिकी नौसेना के रिटायर्ड कैप्टन कार्ल शुस्टर ने कहा कि पनडुब्बी को पूरी तरह से ऑपरेशनल होने में शायद दो साल का वक्त लग जाए। उन्होंने बताया कि पनडुब्बी को इंस्टॉल करने और टेस्ट करने में 18 महीने लगते हैं। फिर समुद्र में ट्रायल्स और ट्रेनिंग में छह महीने लग जाते हैं।
कार्ल शुस्टर का कहना है कि किम जोंग उन परमाणु शक्ति से चलने वाली इस पनडुब्बी के जरिए अमेरिका और जापान जैसे देशों को एक मैसेज देना चाहते हैं। किम इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि उनका न्यूक्लियर प्रोग्राम तैयार हो रहा है और वह जल्द ही चारों दिशाओं से हमला करने के काबिल होंगे। किम ने परमाणु हथियारों से पनडुब्बियों को लैस करने की जो बात कही है, उसे धमकी के तौर पर देखा जा सकता है। अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत भी परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियों का इस्तेमाल करते हैं।