हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट गहराता जा रहा है। मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सियासत तेजी से बदल रही है जिससे सीएम सुक्खू की सरकार पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। एक तरफ तो विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है तो उसके थोड़ी ही देर के बाद स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है जिसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, जनक राज, लोकेंद्र, रणवीर निक्का सहित 15 भाजपा विधायक शामिल हैं। सस्पेंड किए जाने के बाद मार्शल ने सबको विधानसभा से बाहर निकाला।
कहा जा रहा है कि क्रॉस वोटिंग करने वाले सभी विधायक विधानसभा से गायब हो गए हैं और वे माचल प्रदेश के बाहर जाने की तैयारी में हैं। क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 विधायक इंद्रजीत लखनपाल, चैतन्य शर्मा, सुधीर शर्मा,राजेंद्र राणा, देवेंद्र सिंह भुट्टो, रवि ठाकुर और तीन निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, के एल ठाकुर और होशियार सिंह गायब हैं। दोपहर बाद कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षक शिमला पहुचेंगें, जिसमें से एक भूपेंद्र सिंह हुड्डा अभी चंडीगढ़ में हैं और डीके शिवकुमार अभी चंडीगढ़ पहुंचने वाले है। डीके शिवकुमार के चंडीगढ़ पहुंचने के बाद दोनो साथ शिमला के लिए रवाना होंगे।
विपक्ष के 15 भाजपा विधायकों में जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर और इंदर शामिल हैं। सिंह गांधी को आज विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में कथित तौर पर नारेबाजी और दुर्व्यवहार करने के आरोप में विधानसभा अध्यक्ष ने निष्कासित कर दिया है।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश कैबिनेट में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पार्टी में बने रहेंगे, तो उन्होंने कहा, ''मैं जहां हूं, वहीं हूं. आने वाले समय में मैं अपने लोगों, समर्थकों और शुभचिंतकों के साथ विचार-विमर्श करूंगा. विचार-विमर्श के बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे।"