नई दिल्ली। AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने 13 मई को केजरीवाल के घर में मौजूद सभी स्टाफ मेंबर्स के स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर लिए हैं। इस मामले का मुख्य आरोपी केजरीवाल का पूर्व PA बिभव कुमार है। वो 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर है। जानकारी के मुताबिक रिमांड के दौरान बिभव पुलिस जांच मे सहयोग नहीं कर रहा है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से बिभव की 7 दिन की कस्टडी मांगी थी, पुलिस ने कोर्ट में दावा किया कि बिभव कुमार ने सीएम आवास में सबूत मिटाने की कोशिश की है। दिल्ली पुलिस ने शनिवार (18 मई) को बिभव को गिरफ्तार किया था, इसके बाद पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए सिविल लाइंस थाने ले गई थी। पूछताछ के बाद पुलिस ने विभव को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
दिल्ली पुलिस ने अपनी रिमांड कॉपी में कहा था कि आरोपी ने खुलासा किया है कि उसने अपना मोबाइल कल ही मुंबई में फॉर्मेट किया है। जबकि आरोपी के मुताबिक बिभव कुमार iPhone-15 यूज कर रहे हैं। ये डिवाइस पासवर्ड प्रोटेक्टेड है। पुलिस ने रिमांड कॉपी में कहा कि अभियुक्त की व्यक्तिगत उपस्थिति और सहायता के बिना उसे खोलना संभव नहीं है। फोन और इसमें मौजूद ऐप्स तक आरोपी की मदद के बगैर नहीं पहुंचा जा सकता है।
इस मामले की तह तक जाने के लिए दिल्ली पुलिस आज बिभब को लेकर मुंबई निकल गई है। मुंबई प्रवास के दौरान बिभब जहां-जहां गया था पुलिस उसे उन सभी लोकेशन पर लेकर जाएगी। पुलिस की जांच के लिए सबसे अहम ये जानना है कि बिभब ने अपने फोन को क्यों और कहां फॉरमेट किया।
इसके अलावा मुंबई में बिभब जिन लोगों से मिला था, पुलिस उनके स्टेटमेंट भी दर्ज करेगी। पुलिस ने इस मामले में अब तक जो भी इलेक्ट्रोनिक गैजेट बरामद किए हैं, उन गैजेट्स को भी FSL की जांच के लिए भेज दिया गया है। आपको बताते चलें कि पुलिस को गुरुवार रात तक बिभव को कोर्ट के सामने भी पेश करना है, क्योंकि उसकी रिमांड गुरुवार रात को खत्म हो रही है।
बिभव की रिमांड लेने के लिए पुलिस ने अपनी रिमांड कॉपी में कहा था कि फॉर्मेटेड या डिलीटेड मोबाइल डेटा रिकवर करने और आरोपी के मोबाइल फोन के फॉर्मेटिंग के फैक्ट का पता लगाने के लिए उसे एक्सपर्ट के पास ले जाना होगा। ये डेटा सबूत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पुलिस ने रिमांड कॉपी में कहा कि आरोपी ने अपना मोबाइल फोन मुंबई में फॉर्मेट किया था। किसी भी सिस्टम में कोई क्लोन कॉपी/डाटा रखने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, ये बेहद अहम सबूत है।
पुलिस ने कहा कि आरोपी के दावे के अनुसार वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के निजी सचिव के रूप में कार्यरत है, लेकिन उसकी सेवाएं सक्षम प्राधिकारी द्वारा पहले ही समाप्त कर दी गई हैं। उनसे पूछताछ की जानी है कि वह सीएम आवास/कार्यालय में कैसे काम करते रहे? क्योंकि यह सुरक्षा की दृष्टि से भी संवेदनशील जगह है। लिहाजा आरोपी से पूछताछ जरूरी है। पुलिस ने कहा कि विभव इस बात का कोई जवाब नहीं दे रहे कि वे किसके अधीन रहकर वहां काम कर रहे हैं और इस संबंध में कोई लिखित आदेश भी नहीं दिखाया। जिस माध्यम से शिकायतकर्ता/पीड़ित पर आरोपी ने हमला किया है, वह आरोपी की निशानदेही पर बरामद किया जाएगा।
जेई द्वारा उपलब्ध कराए गए सीसीटीवी फुटेज के अनुसार प्रासंगिक समय और अवधि का फुटेज खाली पाया गया है और महत्वपूर्ण सबूतों के साथ छेड़छाड़ से इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस ने रिमांड कॉपी में कहा था कि आरोपी से विस्तृत पूछताछ की जानी है, क्योंकि उसने खुद स्वीकार किया है कि कार्यालय के साथ-साथ आवास के अंदर भी उसकी पहुंच है। पीड़िता, जो न केवल एक सार्वजनिक शख्सियत है, बल्कि एक सांसद भी हैं, उन पर बिना किसी उकसावे के इस तरह के क्रूर हमले के पीछे के मकसद जानने के लिए आरोपी से पूछताछ की जानी है, क्या इसके पीछे अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता भी है?