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शरद पवार को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली माना NCP

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 6 2024 8:37PM | Updated Date: Feb 6 2024 8:37PM
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मुंबई। महाराष्ट्र में चल रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विवाद पर चुनाव आयोग ने अपना निर्णय दे दिया है. चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को तगड़ा झटका देते हुए अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है. चुनाव आयोग ने एनसीपी पार्टी विवाद पर 10 से अधिक सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है. इसी के साथ चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को नाम और निशान भी हैंडओवर कर दिया है. इससे पहले चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी विवाद मामले में उद्धव ठाकरे गुट को तगड़ा झटका दिया था और शिंदे गुट को ही असली शिवसेना बताया था.
आयोग ने अपने फैसले में याचिका की रखरखाव के निर्धारित परीक्षणों का पालन किया जिसमें पार्टी के संविधान को देखते हुए लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण, संगठनात्मक और विधायी दोनों बहुमत के परीक्षण शामिल थे.
 
वहीं, चुनाव आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर शरद पवार गुट को विशेष अनुमति दी है. शरद पवार गुट को अब नए चुनाव चिह्न का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजना होगा. NCC पार्टी के नतीजों का कई दिनों से इंतजार था. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार खुद चुनाव आयोग की सुनवाई में शामिल हुए. इसके अलावा उनके गुट के दिग्गज नेता भी इस सुनवाई में शामिल होते रहे. अनुमान लगाया जा रहा था चुनाव आयोग शिवसेना के नतीजे से अलग फैसला देगा क्योंकि शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे जीवित नहीं हैं, लेकिन एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार जीवित हैं. इसके अलावा वह सुनवाई में शामिल भी हो रहे थे. हालांकि, चुनाव आयोग ने वही नतीजा दिया है जो शिवसेना पार्टी विवाद मामले में दिया था.
 
पिछले पिछले दो सालों में महाराष्ट्र की सियासत में कई बड़े घटनाक्रम देखने को मिले. 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण ढाई साल की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई. इसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी में बगावत करते हुए कई विधायकों के साथ पाला बदल दिया और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और खुद मुख्यमंत्री बन गए.
 
शिंदे गुट ने चुनाव आयोग में दावा कर दिया कि उनका गुट असली शिवसेना है. इसके बाद मामला चुनाव आयोग पहुंचा. कई बार सुनवाई और तथ्यों को परखते हुए चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना. चुनाव आयोग ने पार्टी के साथ-साथ शिवसेना का निशान भी शिंदे गुट को अलॉट कर दिया. इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले साल 2 जुलाई को फिर से भूचाल आया. इस बार अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत करते हुए शिंदे सरकार में शामिल हो गए और खुद डिप्टी सीएम बन गए. यहां भी अजित पवार ने अपने गुट को असली एनसीपी बताया. इसके बाद मामला चुनाव आयोग पहुंचा था. चुनाव आयोग में दोनों पक्षों की ओर से हलफनामा भी दिया गया था, जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने फैसला अजित पवार के पक्ष में दिया है
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