केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) को जमानत के लिए अदालत में बंध पत्र (श्योरिटी) पेश करने के एक दिन बाद गुरुवार (2 फरवरी) को जेल से रिहा कर दिया गया। लखनऊ जिला जेल के जेलर राजेंद्र सिंह (Rajendra Singh) ने बताया, गुरुवार की सुबह करीब सवा नौ बजे सिद्दीकी कप्पन की रिहाई हो गई है। जेल से बाहर आने के बाद कप्पन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'मैं 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं।मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
मैं काफी संघर्ष के बाद बाहर आया हूं और खुश हूं।मीडिया ने उनसे पूछा कि वो हाथरस क्यों गए थे जिसके जवाब में उन्होंने कहा, वो 'रिपोर्टिंग' करने गए थे और उसके साथ पकड़े गए लोग छात्र थे।दरअसल, विशेष अदालत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में बुधवार को एक-एक लाख रुपये के दो बंध पत्र (Bond) दाखिल किए गए थे। वहीं, आपत्तिजनक सामग्री मिलने की खबरों पर कप्पन ने कहा, 'कुछ नहीं..।मेरे पास केवल एक लैपटॉप, मोबाइल, दो पेन और एक नोटपैड था।दरअसल, सिद्दीकी कप्पन को साल 2020 के अक्टूबर महीने में गिरफ्तार किया गया था जब वो हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार और अनुसूचित जाति की 20 साल की लड़की की मौत के मामले में रिपोर्टिंग करने जा रहे थे।
आरोपी सिद्दीकी कप्पन को तीन अन्य लोगों- अतिकुर रहमान, आलम और मसूद के साथ गिरफ्तार किया गया था।इन तीनों पर पीएफआई (PFI) के साथ संबंध रखने और हिंसा भड़काने के षडयंत्र का हिस्सा होने का आरोप है।कप्पन के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के अलावा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम व सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।