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नहीं बिकेगा हल्दीराम ब्रांड! अटकलों पर लगा विराम, देश का आम आदमी बनेगा मालिक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 12 2024 5:52PM | Updated Date: Jun 12 2024 5:52PM
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रक्षाबंधन पर बहन के घर जाना हो या दिवाली पर रिश्तेदारों को मिठाई भेजना, भारत के घर-घर में अगर कोई एक ब्रांड पहचाना जाता है, तो वह ‘हल्दीराम’ है। लंबे समय से हल्दीराम के बिकने की अटकलें बाजार में फैल रही हैं। कभी खबर आती है कि टाटा ग्रुप इसे खरीदना चाहता है, तो कभी दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट इक्विटी फंड ‘ब्लैक स्टोन’ की इसमें रुचि जग जाती है। अब इन खबरों पर विराम लगता दिख रहा है।

जी हां, ताजा खबर ये है कि ‘हल्दीराम’ अपने लिए जिस वैल्यूएशन की उम्मीद कर रहा है, वो उसे ना तो टाटा ग्रुप से मिली है और ना ही ब्लैकस्टोन कंसोर्टियम से। इसमें ताजा बातचीत ब्लैकस्टोन और अन्य कंपनियों के कंसोर्टियम से ही चलने की खबरें थीं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि ये बातचीत भी अब खटाई में पड़ चुकी है। इसकी जगह ‘हल्दीराम’ अब खुद का आईपीओ लेकर आने पर विचार कर रहा है।

‘हल्दीराम’ ब्रांड को अभी तीन अलग-अलग कंपनियां संभालती हैं। लेकिन कुल मिलाकर ‘हल्दीराम’ का बिजनेस अग्रवाल परिवार के पास ही है। इसके तीन हिस्सों में एक कोलकाता में है, जो पहले से ही बिक्री की किसी डील का हिस्सा नहीं है। वहीं दिल्ली में हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड और नागपुर में हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के पास इस ब्रांड की ओनरशिप है, जो ब्लैकस्टोन कंसोर्टियम से बातचीत के दौरान मर्जर करने वाले थे। इसी के आधार पर कंपनी की वैल्यूएशन 8 अरब डॉलर तक लगाई गई थी।

‘हल्दीराम’ का दिल्ली का बिजनेस मनोहर अग्रवाल और मधुसूदन अग्रवाल के पास है। जबकि नागपुर का बिजनेस कमलकुमार शिवकिशन अग्रवाल के पास है। मर्जर के बाद नई कंपनी का नाम हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड होने वाला था। लेकिन अब खबर है कि सिर्फ दिल्ली की हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक इसका आईपीओ लेकर आने वाले हैं। हल्दीराम का 1800 करोड़ का तो सिर्फ रेस्टोरेंट बिजनेस ही है।

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से ईटी ने एक खबर में कहा है कि ‘हल्दीराम’ जब टाटा ग्रुप से बातचीत कर रही थी, तब उसने 10 अरब डॉलर की वैल्यूएशन का गणित लगाया था। फिर ब्लैकस्टोन कंसोर्टियम के साथ बातचीत के दौरान ‘हल्दीराम’ 12 अरब डॉलर की वैल्यूएशन चाहती थी, लेकिन उसे मिली सिर्फ 8 अरब डॉलर की वैल्यूएशन।

सूत्रों का कहना है कि अब ‘हल्दीराम’ ने तय किया है कि वह 8 से 8।5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर ही खुद को शेयर मार्केट में लिस्ट कराएगा। हालांकि अभी इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। ‘हल्दीराम’ की शुरुआत 1930 के दशक में गंगा बिशन अग्रवाल ने बीकानेर में की थी।

 
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