लगभग 375 वर्षों के बाद, भूवैज्ञानिकों ने एक ऐसे महाद्वीप की खोज की है जो दुनिया की नजरों से अभी तक छिपा था। Phys.org की रिपोर्ट के अनुसार, भूवैज्ञानिकों और भूकंप विज्ञानियों की एक टीम ने इस महाद्वीप को समुद्र से 2 किलोमीटर नीचे से खोजा है। शोधकर्ताओं ने समुद्र तल से बरामद चट्टान के नमूनों से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग करके इसे पाया। वैज्ञानिकों ने इस महाद्वीप को जीलैंडिया दिया है। जीलैंडिया 1.89 मिलियन वर्ग मील (4.9 मिलियन वर्ग किमी) का एक विशाल महाद्वीप है, यह मेडागास्कर से लगभग छह गुना बड़ा है। वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि इस महाद्वीप को मिलाकर अब दुनिया में 8 महाद्वीप हो चुके हैं।
दुनिया का यह नया महाद्वीप जीलैंडिया 94 प्रतिशत पानी के भीतर है, जिसमें न्यूजीलैंड के समान ही कुछ मुट्ठी भर जमीन हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूज़ीलैंड क्राउन रिसर्च इंस्टीट्यूट जीएनएस साइंस के भूविज्ञानी एंडी टुलोच, जो ज़ीलैंडिया की खोज करने वाली टीम का हिस्सा थे, का कहना है कि "यह इस बात का उदाहरण है कि किसी बहुत ही स्पष्ट चीज़ को उजागर करने में कितना समय लग सकता है।"
वैज्ञानिकों का कहना है कि जीलैंडिया करीब 550 मिलियन वर्ष पहले गोंडवाना लैंड का हिस्सा हुआ करता था। भूगर्भीय गतिविधियों के चलते यह अलग हुआ और समुद्र में समा गया। शोधार्थी आज भी इसके गोंडवाना से अलग होने को लेकर रिसर्च कर रहे हैं।
जीलैंडिया महाद्वीप का अस्तित्व पहली बार 1642 में सामने आया था, जब एक डच बिजनेसमैन और नाविक एबल टैसमैन ग्रेट साउथर्न महाद्वीप की खोज में निकले थे। जब वे न्यूजीलैंड के दक्षिणी आईलैंड पर पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने आसपास की जानकारी दी। इसी के साथ उन्हें जीलैंडिया के बारे में भी बता लगा। इतने लंबे वक्त बाद वैज्ञानिकों को इस महाद्वीप को खोजने में 400 साल लग गए।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जीलैंडिया का अध्ययन करना हमेशा से कठिन रहा है। वैज्ञानिक अब समुद्र तल से लाए गए चट्टानों और तलछट के नमूनों के संग्रह का अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश ड्रिलिंग स्थलों से आए हैं-अन्य क्षेत्र में द्वीपों के किनारों से आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, चट्टान के नमूनों के अध्ययन से पश्चिम अंटार्कटिका में भूगर्भिक पैटर्न का पता चला है, जो न्यूजीलैंड के पश्चिमी तट से दूर कैंपबेल पठार के पास एक सबडक्शन जोन की संभावना का संकेत देता है। हालांकि, शोधकर्ताओं को इस क्षेत्र में चुंबकीय क्षमता नहीं मिलीं। वैज्ञानिकों ने जीलैंडिया का एक नक्शा भी तैयार किया है। नक्शा न केवल ज़ीलैंडिया महाद्वीप भूवैज्ञानिक विशेषताएं भी दिखाता है।