संबलपुर। वैश्विक महामारी कोरोना न केवल आम लोगों में डर पैदा कर रही है बल्कि सगे रिश्तों में भी दूरियां बना रही है। कुछ ऐसा ही मामला ओडिशा में सामने आया है जहां कैंसर पीड़ति पिता की मौत के बाद बेटों ने कोरोना पीड़ति होने की आशंका के चलते उनका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। ओडिशा में सुंदरगढ़ जिले के गुदेईनली गांव निवासी प्रेमानंद साहू देवगढ़ में एक सिनेमाहाल में काम करते थे और एक छोटी सी झोपड़ी में पत्नी शांतिलता के साथ रहते थे। सिनेमाहाल बंद हो जाने के बाद वह आसपास ही मुड़ी और चना बेचने लगे। उनके दो पुत्र गृहग्राम में रहते हैं। प्रेमानंद के कैंसर से पीड़ति होने के बाद उनको बुरला के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
इस बीच अस्पताल के वार्ड में कोरोना का मामला आने के बाद प्रेमानंद समेत सभी मरीजों को छुट्टी दे दी गयी। इसके बाद वह सपत्नीक गांव लौटे , लेकिन बेटों ने कोरोना संक्रमण के डर से उन दोनों को घर में रखने से मना कर दिया। इसके बाद वे देवगढ़ वापस चले गये और अपनी झोपड़ी में रहने लगे। कैंसर की बीमारी से जूझ रहे प्रेमानंद ने आखिरकार अंतिम सांस ली। शांतिलता ने गांव में रह रहे अपने बेटों को इसकी सूचना दी लेकिन उन्होंने वहां आने और अंतिम संस्कार करने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद पुराने सिनेमाघर के मालिक कृशिरेश्वर प्रधान ने जिला खेल संघ के सचिव धीरेंद्र नायक, जिला बार एसोसिएशन के सचिव सिधेश्वर गुरू, पत्रकार पृथ्वीराज पटनायक तथा अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर मृतक का अंतिम संस्कार किया।